पहाड़, पेड़, पानी, पैसा और पंचायती राज के अधिकार की मांग को लेकर भगवान बिरसा मुंडा की जन्मस्थली उलीहातू से राजीव गांधी पंचायती राज्य संगठन की स्वराज यात्रा शुरू हुआ। जिसके बाद यह यात्रा बिरसा मुंडा जी के सेना के सेनापति गया मुंडा जी के गांव एटकेडीह पहुंची।
इस मौके पर वरिष्ठ नेता बंधु तिर्की, प्रदेश प्रवक्ता शांतनु मिश्रा, राजीव गांधी पंचायती राज संगठन के प्रदेश अध्यक्ष सुमित शर्मा, कांग्रेस के मीडिया डिपार्टमेंट के अध्यक्ष सतीश पॉल, सोशल मीडिया के अध्यक्ष गजेंद्र सिंह, जिला अध्यक्ष रविंद्र मिश्रा और कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता इस यात्रा में शामिल रहे।
इस यात्रा का मकसद राजीव गांधी पंचायती राज संगठन के द्वारा झारखंड में घट रहे वन, नदियों का जलस्तर, पंचायती राज अधिनियम को पूर्ण रूप से लागू करने, नगर निकाय चुनावों में पूर्व के भाजपा सरकार में तय किए गए उम्र और तीन बच्चों के प्रावधान को बदलने की मांग को लेकर भगवान बिरसा मुंडा के जन्मस्थली उलीहातू से बापू वाटिका मोराबाड़ी रांची तक के चार दिवसीय स्वराज पदयात्रा जन जागरण के उद्देश्य शुरू की गई है। वन विभाग के आंकड़ों में झारखंड के कुल क्षेत्रफल का 29 प्रतिशत वन क्षेत्र दिखाया गया है। जबकि वास्तविकता यह है कि लगभग 20% भूमि पर जंगल बचे हैं। शेष जमीन बंजर भूमि है।
राष्ट्रीय वन नीति 1988 में कहा गया है की कुल क्षेत्रफल का 33% क्षेत्र वन छादित क्षेत्र होना चाहिए। झारखंड राज्य का निर्माण और इसके नाम दोनों में यह स्पष्ट है कि राज्य वन छादीत्य राज्य है। बावजूद इसके लगातार जंगलों की कटाई हो रही है नए पौधे नहीं लगाई जा रहे हैं। वन विभाग के द्वारा इन विषयों पर उदासीन रवैया है। जिसका सीधा असर इस राज्य में रहने वाले आदिवासी और मूलवासी के जीवन पर पड़ रहा है। वन अधिकार अधिनियम 2006 आम नागरिकों को अधिकार देता है कि वह अपना जीवन यापन अपने क्षेत्र के वन से पूरा करेंगे। जब राज्य में जंगल ही नहीं बचेगा तो जंगल पर निर्भर रहने वाले आदिवासी और मूलवासी के जीवन में संकट होना तय है और आज इस राज्य में खनन और अवैध कटाई से जंगल समाप्त हो रहे हैं। यह यात्रा जिन क्षेत्रों से गुजरेगी उन क्षेत्रों में जंगल को बचाने, पौधे लगाने नदियों और पहाड़ों को संरक्षित करने के लिए जन चेतना का भी निर्माण करेगी।