रांची : रांची में कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर स्वर्ण रेखा नदी सहित अन्य नदियों में शुक्रवार सुबह से ही लोगों की भीड़ लगी है। सुबह से ही महिलाएं, पुरुष और बच्चे स्वर्ण रेखा नदी पहुंचकर स्नान करने के बाद श्रद्धालुओं ने भगवान भुवन भास्कर को अर्घ्य दिया।
कार्तिक पूर्णिमा पर इक्कीसों महादेव धाम स्वर्णरेखा नदी तट पर सुबह 4 बजे से ही श्रद्धालुओं का स्नान एवं मंदिर में पूजा शुरू है। श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी है। इस पवित्र दिन पर कई श्रद्धालु परिवार भगवान सत्यनारायण की कथा पंडितों से सुनते देखे गए। साथ ही कई लोग स्वर्ण रेखा नदी में स्नान-दान और पूजा-अर्चना भी कर रहे थे।
कार्तिक पूर्णिमा पर कई वर्षो से स्वर्णरेखा नदी के तट पर मेला लगता है। इस मेले में कोकर, नामकुम, चुटिया, डोरंडा, जगरन्नाथपुर, नगड़ी, बेड़ो, रामपुर, बुंडू, तमाड़, खूंटी, सिल्ली, ओरमांझी सहित कई इलाकों से श्रद्धालु पहुंचते है।
इस मौके पर पंडित मनोज पांडेय ने बताया कि हिंदू धर्म में व्रत, त्योहार और स्नान का विशेष महत्व है। कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा और सरोवर में स्नान कर पुण्य प्राप्ति के लिए लोग गंगा घाटों पर पहुंचते हैं। कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान के साथ दीप दान का विशेष महत्व होता है। कार्तिक पूर्णिमा को लेकर नदी और मंदिर के आसपास मेला लगा था। मेला में चाट, फुचका के ठेले, गन्ना, बच्चों के खिलौने, पूजन सामग्री की दर्जनों दुकानें लगी थीं। पूजन सामग्री की दुकानों में महिलाओं और चाट-फुचका की दुकानों में युवक-युवतियां और बच्चों की भीड़ लगी थी।
इस दौरान सुरक्षा को लेकर चप्पे-चप्पे पर पुलिस टीम तैनात दिखी। वहीं दूसरी ओर राजधानी रांची के मेन रोड स्थित संकट मोचन मंदिर, काली मंदिर, पहाड़ी मंदिर सहित सभी मंदिरों में भी लोग सुबह से ही पूजा अर्चना करते देखे गए।