झारखंड के एक सुदूर ग्रामीण क्षेत्र की रहने वाली एक मरीज़ को एक जटिल सर्जरी से नया जीवन मिला। मरीज़ पिछले 5 सालों से जबड़े के ट्यूमर से ग्रसित थी। बढ़ते बढ़ते ट्यूमर का वजन क़रीब 1 किलोग्राम हो गया था जिसकी वजह से मरीज़ को मुँह खुलने और खाने में समस्या आने लगी।
गंभीर स्थिति होने पर मरीज़ को राँची में मैक्सिलोफ़ेशियल सर्जन डॉ अनुज के पास ले जाया गया। डॉ अनुज ने एक जटिल सर्जरी के ज़रिए ट्यूमर को काट के हटाया। डॉ अनुज ने बताया कि महिला अमीलोब्लास्टोमा नाम के ट्यूमर से ग्रसित थी जिसकी वजह से उनके चेहरे में इतनी विकृति आ गई और उन्हें खाने में भी समस्या आने लगी। उन्होंने बताया कि राँची के हेल्थ पॉइंट में क़रीब 3 घंटे चले सर्जरी में ट्यूमर से ग्रसित जबड़े को काट कर अलग किया गया।
डॉ अनुज ने लोगों को जागरूक करते हुए बताया कि जबड़े के ट्यूमर के ज़्यादातर मामलों में जानकारी के अभाव में मरीज़ समय पर इलाज नहीं करा पाते हैं। कई बार वो झाड़-फूँक जैसे अंधविश्वासों में समय गँवाते हैं। अगर सही समय पर उपचार किया जाये तो ऐसे मरीज़ों को पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है।