Friday, November 8, 2024
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हर्बल चिकित्सा पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आज से भोपाल में

भोपाल : मध्य प्रदेश की राजधानी स्थित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय में आज (शनिवार) से हर्बल चिकित्सा पद्धित पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन प्रारंभ हो रहा है। इसका विषय “प्री लोकमंथन: गैर-संहिताबद्ध हर्बल चिकित्सा प्रणाली-संरक्षण, प्रचार और कार्ययोजना” है। इसका उद्देश्य हर्बल उपचार की मौखिक परंपरा पर प्रकाश डालना और इनको सुरक्षित रखने के तरीकों की चर्चा करना है। इसमें पद्म पुरस्कर विजेताओं सहित विषय विशेषज्ञ हर्बल चिकित्सा के भविष्य पर अपने विचार रखेंगे।

जनसम्पर्क अधिकारी अवनीश सोमकुवर ने बताया कि यह भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएसएसआर), प्रज्ञा प्रवाह, दत्तोपंत थेंगडी अनुसंधान संस्थान, एंथ्रोपोस इंडिया फाउंडेशन और माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता और संचार विश्वविद्यालय जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों द्वारा संयुक्त आयोजन है। उन्होंने बताया कि “गैर-संहिताबद्ध” शब्द इस कार्यक्रम का केंद्रीय विषय है और सामान्यतः यह उन चिकित्सा प्रणालियों से संबंधित है जो उनके संहिताबद्ध पश्चिमी चिकित्सा की तुलना में कम मान्य हैं। विभिन्न चिकित्सा परंपराओं को एक जगह लाकर उनकी समृद्ध सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संदर्भ को सरल कर संहिताबद्ध किया सकता है। बायोमेडिसिन के प्रभुत्व के बावजूद जो भारी मात्रा में वाणिज्यिकृत और पेशेवर हो गई है। ये गैर-संहिताबद्ध चिकित्सा प्रथाएं सदियों से जीवित हैं, जो विभिन्न वैश्विक समुदायों में सांस्कृतिक धरोहर और व्यावहारिक स्वास्थ्य लाभों के लिए उनकी महत्ता को दर्शाती हैं।

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