Monday, May 19, 2025
Homeखबर स्तम्भलगभग ढाई माह से बगैर कोई सूचना के कार्यालय से गायब हैं...

लगभग ढाई माह से बगैर कोई सूचना के कार्यालय से गायब हैं स्वास्थ्य विभाग के जिला डाटा प्रबंधक

डीडीएम पोखराज के विरुद्ध जिले में फर्जी अस्पताल संचालन में सहयोग करने के आरोप में दर्ज कराई गई है एफआईआर

एफआईआर दर्ज होने के बाद से फरार हो गए हैं डीडीएम, डाटा से संबंधित सभी कार्य ठप

चतरा : स्वास्थ्य विभाग के जिला डाटा प्रबंधक ( डीडीएम) पोखराज कुमार पिछले ढ़ाई महीने से बगैर कोई छुट्टी व सूचना के कार्यालय से गायब हैं। डीडीएम पोखराज के विरुद्ध सदर थाना में बीते छह जुलाई को सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ मनीष कुमार के आवेदन के आधार पर कांड संख्या 224/24 व आईपीसी के धारा 318(2), 336(3), 221/125/3(5) बीएनएस 2023 एवं 15(3) इंडियन मेडिकल एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। इस एफआईआर में डीडीएम पोखराज के अलावा फर्जी सर्जन डॉ चंदन, बस स्टैंड के पास संचालित राज अस्पताल के संचालक डाक्टर शंभु कुमार, डाक्टर अशोक प्रसाद वर्मा व इसी अस्पताल के केयरटेकर राकेश साहू के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया है। इस मामले में पुलिस ने फर्जी सर्जन डॉ चंदन व राज अस्पताल के संचालक राकेश साहू को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। जानकारी के अनुसार फर्जी सर्जन डॉ चंदन अब भी जेल में बंद हैं। डीडीएम पोखराज के विरुद्ध यह एफआईआर जिले में फर्जी व अवैध रूप से संचालित क्लीनिक व अस्पतालों को सहयोग करने के आरोप में दर्ज कराया गया है। छह जुलाई को एफआईआर दर्ज होने के बाद से डीडीएम फरार हो गए।

डीडीएम के फरार रहने से डाटा से संबंधित सभी कार्य ठप

डीडीएम पोखराज के फरार रहने के कारण स्वास्थ्य विभाग का डाटा से संबंधित कार्य पूरी तरह से ठप पड़ा हुआ है। उनके कार्यालय में भी ताला लटक रहा है। इसके कारण किसी दूसरे को भी उनके कार्यों का प्रभार नहीं दिया जा पा रहा है। यहां बताते चलें कि पोखराज कुमार भले ही डीडीएम के पद पर कार्यरत थे लेकिन पीएनडीटी व क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट एक्ट से संबंधित सभी फाइलों का निष्पादन इनके द्वारा ही किया जाता था। अस्पतालों को लाइसेंस देने से लेकर लाइसेंस का रिनुअल इनके द्वारा ही किया जाता था।  यही वजह है कि फर्जी अस्पतालों के संचालन में इनकी भूमिका को संदिग्ध मानते हुए इनके विरुद्ध जिला प्रशासन के निर्देश पर उपाधीक्षक के द्वारा एफआईआर दर्ज कराया गया है।

डीडीएम को कार्य मुक्त करने के लिए लिखा गया है विभाग को : सिविल सर्जन

इस मामले में सिविल सर्जन डॉ दिनेश प्रसाद ने बताया कि एफआईआर दर्ज होने के बाद से डीडीएम कार्यालय नहीं आ रहें हैं। इनपर हुई एफआईआर की जानकारी विभाग को देते हुए इन्हें कार्यमुक्त करने के लिए विभाग को लिखा गया है। विभाग से निर्देश प्राप्त होते ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।

बेल ले लिए हैं, काम भी शुरू कर दिया है  : पोखराज

डीडीएम पोखराज ने कहा कि बगैर कोई गुनाह किए उनपर एफआईआर दर्ज हो गया। एफआईआर दर्ज होने के बाद वह बेल लेने के लिए भागदौड़ कर रहे थे। बेल मिल गया है और उन्होंने काम भी शुरू कर दिया है। एक दो दिनों में नियमित रूप से कार्यालय में बैठने लगेगें।

RELATED ARTICLES

Most Popular