देहरादून : उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने रविवार को कहा कि हमेशा राष्ट्रीयहित को प्राथमिकता दें, भारत माता आपका इंतजार कर रही है। राष्ट्र का भविष्य आपके कंधों पर है। जिंदगी की जंग लड़ने के लिए खुद में साहस और ज्ञान विकसित करनी होगी। जो लोग चुनौती का सामना करने में जोखिम उठाते हैं, वही साहस, पहल और नेतृत्व करते हैं।
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने रविवार को देहरादून स्थित राष्ट्रीय भारतीय सैन्य महाविद्यालय के कैडेट्स को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि जीवन में कभी विफलता से न डरें, यह सफलता की ओर एक कदम है। डर की भावना आपकी प्रतिभा के उपयोग और आपके संभावनाओं की वास्तविकता में बाधा डालती है। हमेशा याद रखें कि डर हमारे विकास की यात्रा का आवश्यक हिस्सा है।
चंद्रयान मिशन की सफलता की कहानी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि ऐतिहासिक चंद्रयान मिशन को याद करें! चंद्रयान 2 आंशिक रूप से सफल हुआ लेकिन पूरी तरह से नहीं। कुछ के लिए यह विफलता थी और समझदार लोगों के लिए यह सफलता की ओर एक कदम था। पिछले वर्ष 23 अगस्त को चंद्रयान 3 ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड किया और भारत इस उपलब्धि को हासिल करने वाला पहला राष्ट्र बन गया।