Tuesday, August 26, 2025
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संविधान संशोधन विधेयक 2025 के विरोध में झामुमो ने किया केंद्र सरकार का पुतला दहन

गिरिडीह में झामुमो कार्यकर्ताओं ने रैली निकालकर जताया विरोध, कहा – लोकतंत्र और संविधान पर हमला, पूर्व विधायक केदार हाज़रा बोले – यह बिल जनता की मूल भावना और अधिकारों के खिलाफ है, झामुमो सड़क से सदन तक करेगा विरोध

हाइलाइट्स (Highlights):

  • गिरिडीह में झामुमो कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार का पुतला दहन किया
  • संविधान संशोधन विधेयक 2025 को बताया लोकतंत्र कमजोर करने वाला कानून
  • पूर्व विधायक केदार हाज़रा बोले – जनता की आवाज दबाने का प्रयास महंगा पड़ेगा
  • झामुमो नेताओं ने कहा – सड़क से सदन तक चलेगा विरोध
  • बड़ी संख्या में जिला, प्रखंड पदाधिकारी और कार्यकर्ता रहे मौजूद

विस्तार :

गिरिडीह : झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) की जिला इकाई ने रविवार को संविधान संशोधन विधेयक 2025 के विरोध में केंद्र सरकार का पुतला दहन किया। झामुमो केन्द्रीय समिति के निर्देशानुसार, जिला कार्यालय बस स्टैंड से जुलूस निकालकर कार्यकर्ता टावर चौक पहुंचे और वहां रैली कर विरोध दर्ज कराया।

इस मौके पर जिला एवं प्रखंड कमेटियों के पदाधिकारियों के साथ-साथ बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद रहे। कार्यकर्ताओं ने इस विधेयक को ‘काला कानून’ बताते हुए कहा कि यह लोकतंत्र और संविधान पर सीधा हमला है।

नेताओं के बयान

कार्यक्रम की अध्यक्षता महालाल सोरेन ने और संचालन अजीत कुमार पप्पू ने किया।
मुख्य अतिथि और जमुआ के पूर्व विधायक केदार हाज़रा ने कहा –
संविधान संशोधन विधेयक 2025 लोकतंत्र की जड़ों को कमजोर करने वाला है। यह जनता की मूल भावना और अधिकारों के खिलाफ है। झामुमो हमेशा संविधान, लोकतंत्र और सामाजिक न्याय की रक्षा के लिए संघर्ष करता आया है और आगे भी करता रहेगा।

वहीं, अजीत कुमार पप्पू ने कहा –
यह विधेयक जनता की आवाज को दबाने और अधिकारों को छीनने वाला है। झामुमो सड़क से सदन तक इस बिल का विरोध करेगा और गिरिडीह की जनता इसका कड़ा जवाब देगी।

बड़ी संख्या में कार्यकर्ता शामिल

इस मौके पर महालाल सोरेन, शहनवाज अंसारी, दिलीप मंडल, प्रणव वर्मा, कोलेश्वर सोरेन, नुनूराम किस्कू, दिलीप रजक, विजय सिंह, राकेश रॉकी, हलधर राय, चाँद रशीद, चांदमल मरांडी, प्रधान मुर्मू, सुमित कुमार, राकेश रंजन, ओम प्रकाश वर्मा, भैरव वर्मा, अभय सिंह, शिवम आजाद, मो. मज़ीद, इम्तियाज़ अख़री, नारायण यादव, मो. हसनैन, मो. आबिद, अशोक राम, किसुन सोरेन, अनवर अंसारी, राकेश सिंह टुनन्ना, लोकनाथ सहाय, बाबूराम हाँसदा, मो. अकील सोनू, महावीर मुर्मू, बिरजू मरांडी, दीपक पांडेय, विवेक सिन्हा सहित सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित थे।

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