गिरिडीह : पारसनाथ स्थित आदिवासी धर्म स्थान मरांड बुरू में बलि के विरुद्ध किए गए मुकदमे को लेकर आदिवासी समाज के लोग आहत हैं। उन्होंने न सिर्फ इस मुकदमा को गलत बताया है, साथ ही उन्होंने मुकदमा को खत्म कर न्याय की मांग भी किए है।
इस संबंध में प्रेस वार्ता आयोजित कर मरांड बुरू साँवता सुसार बेसी के अध्यक्ष नूनका टुडू, सह सचिव अर्जुन हेंब्रम, सिकंदर हेंब्रम एवं आदिवासी छात्र संघ के केंद्रीय सचिव प्रवीण मुर्मू ने बताया कि मरांड बुरू उनका प्राचीन धर्म स्थल है, जो कि पूरे विश्व में आदिवासी लोग के लिए पूजनीय है। वर्षों से यहां बलि दिया आता आ रहा है। इस बार भी वहां मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनकी पत्नी के आने के बाद पूजा के बाद बलि दिया गया, लेकिन बाद में यहां प्रशाशन ने बलि देने पर कुछ लोगों को असामाजिक लोग बता कर उनपर मुकदमा दर्ज कर दिया है। इतना ही नहीं वहां के स्थानीय बीडीओ द्वारा धार्मिक स्थल में ताला भी जड़ दिया गया है।
उन्होंने बताया कि फर्जी मुकदमा और ताला को खोलने के मामले को लेकर वे राज्यपाल से भी मिले हैं। और वे प्रशासन और सरकार से मांग करते हैं कि उनके धार्मिक भावनाओं को आहत न करें और जल्द से जल्द उन्हें न्याय देते हुए आदिवासी लोगों के खिलाफ दर्ज किए गए मुकदमे को खत्म करे और धर्म स्थल में लगे ताला को खुलवाए।