नई दिल्ली : डीएमके के राज्यसभा सदस्य पी. विल्सन ने मंगलवार को केंद्र सरकार से मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट को खत्म करने या फिर तमिलनाडु को इन परीक्षा से बाहर करने की मांग की। संसद के उच्च सदन में उनकी अपील मेडिकल पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (एनईईटी) के संचालन में कथित अनियमितताओं पर विवाद के बीच आई है।
मंगलवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस के दौरान पी. विल्सन ने कहा कि राज्य विधानसभा ने नीट के बिना मेडिकल पाठ्यक्रम में प्रवेश की अनुमति देने वाले विधेयक को 2021 में पारित किया था और बाद में परीक्षा के खिलाफ और नीट के खतरे को दूर करने के लिए सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया था। विधेयक तीन साल से केंद्र की मंजूरी के लिए लंबित है, उसे पारित करने की आवश्यकता है, जिससे छात्रों और अभिभावकों में चिंता दूर की जा सकें।
उन्होंने कहा कि उदय स्टालिन ने नीट के खिलाफ अभियान का नेतृत्व किया है, जिसमें अबतक 80 लाख से अधिक लोगों का समर्थन मिला है। द्रमुक नेता पी. विल्सन ने सीबीआई जांच के आदेश में देने में देरी की भी आलोचना की और दावा किया कि इससे धोखेबाजों को दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ करने और सबूत मिटाने का मौका मिला होगा। विल्सन ने राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) द्वारा नीट सहित प्रतियोगी परीक्षाओं के संचालने को लेकर भी चिंता जताई।
इसके साथ विल्सन ने राज्यों के मुद्दों को भी उठाया। चेन्नई मेट्रो चरण दो की 2020 में केन्द्रीय मंत्री अमित शाह ने आधारशिला रखी थी। इस परियोजना की सिफारिश 17.8.2021 को सार्वजनिक निवेश बोर्ड (पीआईबी) द्वारा की गई थी, लेकिन इसे अभी भी आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीईए) की मंजूरी का इंतजार है। चेन्नई मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र की तत्काल जरूरतों को ध्यान में रखते हुए, तमिलनाडु सरकार ने चरण-II के लिए काम शुरू कर दिया है और व्यय वर्तमान में राज्य निधि से पूरा किया जा रहा है। राज्य की वित्तीय स्थिति पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। केन्द्र सरकार को इस परियोजना का आधा बजट जारी करने की दिशा में काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य में दो प्राकृतिक आपदा का सामना करना पड़ा है। इससे उबरने के लिए राज्य के लिए विशेष पैकेज जारी किया जाना चाहिए।