Highlights:
- झारखंड की हाई सिक्योरिटी मानी जाने वाली जेपी सेंट्रल जेल से 3 कैदी फरार
- देर रात 1 से 2 बजे के बीच शौचालय जाने के बहाने हुई वारदात
- टेंट हाउस के कपड़ों से बनी रस्सी के सहारे दीवार और सुरक्षा घेरा पार
- फरार कैदी धनबाद जिले के निवासी, उम्रकैद की सजा काटने की चर्चा
- जेल अधीक्षक चंद्रशेखर सुमन ने घटना की पुष्टि की
- पूरे क्षेत्र में नाकाबंदी, सघन छापेमारी अभियान जारी
विस्तार :
हजारीबाग- झारखंड की सबसे सुरक्षित और हाई सिक्योरिटी जेलों में शुमार लोकनायक जयप्रकाश नारायण केंद्रीय कारा, हजारीबाग से तीन कैदियों के फरार होने की सनसनीखेज घटना सामने आई है। इस घटना ने जेल प्रशासन से लेकर जिला प्रशासन तक को हिलाकर रख दिया है और सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
कैसे हुई फरारी
प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह घटना देर रात करीब 1 से 2 बजे के बीच की है। तीनों कैदी शौचालय जाने का बहाना बनाकर बाहर निकले और शौचालय की खिड़की के रास्ते फरार हो गए। बताया जा रहा है कि कैदियों ने चार नंबर गुमटी के पास से टेंट हाउस में इस्तेमाल होने वाले कपड़ों के टुकड़ों से बनी रस्सी के सहारे जेल की दीवार और सुरक्षा घेरा पार किया।
हाई टेंशन तार और फेंसिंग भी बनी कमजोर कड़ी
जेल के पिछले हिस्से में रस्सी अब भी लटकी हुई देखी गई है। शुरुआती जांच में सामने आया है कि रस्सी पहले जेल के अंदर से बाहर फेंकी गई थी और उसे हाई टेंशन तार में फंसाकर बाहर निकलने का रास्ता बनाया गया। वहीं, जेल के बाहरी हिस्से की तार वाली फेंसिंग टूटी हुई पाई गई है, जो पहले से क्षतिग्रस्त बताई जा रही है। इसी का फायदा कैदियों ने उठाया।
कौन हैं फरार कैदी
फरार हुए तीनों कैदी धनबाद जिले के निवासी बताए जा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, तीनों उम्रकैद की सजा काट रहे थे, हालांकि जेल प्रशासन ने अभी यह स्पष्ट नहीं किया है कि वे किस मामले में बंद थे या सजायाफ्ता थे अथवा विचाराधीन।
प्रशासन में मचा हड़कंप
घटना की पुष्टि जेल अधीक्षक चंद्रशेखर सुमन ने की है। फरारी की सूचना मिलते ही प्रशासन अलर्ट मोड में आ गया। जेल के चारों ओर सुरक्षा बढ़ा दी गई है, मुलाकात पर रोक लगा दी गई है और सभी कैदियों को वार्ड में शिफ्ट किया गया है। एसडीओ, एसडीपीओ समेत वरीय अधिकारी जेल परिसर में जांच कर रहे हैं।
हाई सिक्योरिटी जेल, फिर भी चूक
जेपी सेंट्रल जेल में पांच स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था, सीसीटीवी निगरानी और सशस्त्र बलों की तैनाती रहती है। चार दिन पहले ही डीजीपी द्वारा जेल का औचक निरीक्षण भी किया गया था। इसके बावजूद तीन कैदियों का फरार हो जाना सुरक्षा तंत्र में बड़ी चूक की ओर इशारा करता है।
छापेमारी और जांच जारी
फरार कैदियों की गिरफ्तारी के लिए पूरे क्षेत्र में नाकाबंदी और सघन छापेमारी अभियान चलाया जा रहा है। साथ ही इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए गए हैं, ताकि यह पता चल सके कि इतनी कड़ी सुरक्षा के बावजूद कैदी कैसे फरार हो पाए।
