Highlights :
- वर्ष 2025 के अंतिम दिन देवघर के बाबा बैद्यनाथ मंदिर में भारी भीड़
- नववर्ष की शुरुआत बाबा भोलेनाथ के दर्शन-पूजन से करने पहुंचे श्रद्धालु
- जलाभिषेक, दूध, फूल-बेलपत्र से हुई विशेष पूजा
- नव वर्ष को लेकर जिला प्रशासन ने किए पुख्ता इंतजाम
- सुरक्षा, लाइन व्यवस्था और सुविधाओं पर विशेष ध्यान
विस्तार:
देवघर- वर्ष 2025 के अंतिम दिन और नववर्ष 2026 के स्वागत के अवसर पर देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथ धाम में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। देश के विभिन्न हिस्सों से आए भक्तों ने भगवान शिव के पवित्र ज्योतिर्लिंग पर जलाभिषेक कर सुख-समृद्धि, स्वास्थ्य और मनोकामना पूर्ति की कामना की।
नववर्ष को लेकर श्रद्धालुओं में विशेष उत्साह देखने को मिला। अहले सुबह से ही मंदिर परिसर और आसपास के इलाकों में भक्तों की लंबी कतारें लग गईं। श्रद्धालु दूध, जल, बेलपत्र, फूल और अन्य पूजन सामग्री अर्पित कर बाबा भोलेनाथ का आशीर्वाद लेते नजर आए।

मनोकामना पूर्ण करने वाला ज्योतिर्लिंग
मान्यता है कि बाबा बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग पर सच्चे मन से की गई पूजा से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इसी आस्था के चलते श्रद्धालु दूर-दराज से यहां पहुंचते हैं। तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है कि भक्त बाबा को दूध, जल और बेलपत्र अर्पित कर अपने और परिवार की खुशहाली की प्रार्थना कर रहे हैं।
मंदिर प्रांगण में दिखी भारी भीड़
मंदिर प्रांगण में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिली। नए साल की पूर्व संध्या पर हर कोई चाहता था कि साल की शुरुआत बाबा के दर्शन से हो। भीड़ के बावजूद श्रद्धालुओं में अनुशासन नजर आया और सभी शांति से दर्शन करते दिखे।
जिला प्रशासन रहा पूरी तरह मुस्तैद
श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए जिला प्रशासन ने नववर्ष को लेकर पहले से ही पूरी तैयारी कर रखी थी। सुरक्षा के कड़े इंतजाम, पुलिस बल की तैनाती, सीसीटीवी निगरानी, कतारबद्ध दर्शन व्यवस्था और यातायात नियंत्रण की विशेष व्यवस्था की गई थी, ताकि किसी भी प्रकार की अव्यवस्था न हो।
प्रशासन का उद्देश्य था कि श्रद्धालु सुगमता और सुरक्षित तरीके से बाबा के दर्शन कर सकें। इन व्यवस्थाओं की वजह से इतनी बड़ी भीड़ के बावजूद दर्शन व्यवस्था सुचारू बनी रही।
आस्था और व्यवस्था का संगम
नववर्ष के मौके पर बाबा बैद्यनाथ धाम में आस्था और प्रशासनिक व्यवस्था का बेहतरीन संगम देखने को मिला। श्रद्धालुओं का उत्साह और प्रशासन की सतर्कता ने इस अवसर को सफल बना दिया।
