Wednesday, December 31, 2025
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झारखंड को मिली नियमित डीजीपी, 1994 बैच की IPS तदाशा मिश्रा को सौंपी गई कमान

Highlights :

  • तदाशा मिश्रा बनीं झारखंड की नियमित डीजीपी
  • गृह विभाग ने जारी की अधिसूचना
  • 2025 की संशोधित नियमावली के तहत नियुक्ति
  • अब 2027 तक झारखंड पुलिस की कमान संभालेंगी
  • प्रशासनिक दक्षता और निर्विवाद छवि के लिए जानी जाती हैं तदाशा मिश्रा

झारखंड को मिला नया पुलिस प्रमुख

रांची- झारखंड सरकार ने 1994 बैच की आईपीएस अधिकारी तदाशा मिश्रा को राज्य का नियमित पुलिस महानिदेशक (DGP) नियुक्त किया है। वह अभी तक प्रभारी डीजीपी के रूप में कार्य कर रही थीं। गृह विभाग ने इससे संबंधित अधिसूचना जारी कर दी है।

संशोधित नियमावली के तहत नियुक्ति

जारी अधिसूचना के अनुसार, तदाशा मिश्रा को महानिदेशक एवं पुलिस महानिरीक्षक (एचओएएफ) के पद पर नियुक्त किया गया है। यह नियुक्ति महानिदेशक एवं पुलिस महानिरीक्षक झारखंड (पुलिस बल प्रमुख) चयन एवं नियुक्ति नियमावली 2025 के संशोधित प्रावधानों के तहत की गई है। सरकार ने आठ जनवरी को पुलिस प्रमुख के चयन एवं नियुक्ति को लेकर आदेश जारी किया था, जिसके तहत यह नियुक्ति की गई।

सेवानिवृत्ति की बाध्यता खत्म, दो साल का कार्यकाल

तदाशा मिश्रा को राज्य सरकार ने छह नवंबर को प्रभारी डीजीपी बनाया था। उनकी वास्तविक सेवानिवृत्ति की तिथि 31 दिसंबर 2025 निर्धारित थी। सामान्यतः सेवानिवृत्ति से छह महीने पहले किसी अधिकारी को डीजीपी नहीं बनाया जाता, ऐसे में यह कयास लगाए जा रहे थे कि किसी अन्य अधिकारी को नियमित डीजीपी बनाया जाएगा।
हालांकि, राज्य सरकार ने नियमावली में संशोधन करते हुए छह माह की सेवानिवृत्ति बाध्यता समाप्त कर दी, जिसके बाद तदाशा मिश्रा को नियमित डीजीपी नियुक्त किया गया। अब वह वर्ष 2027 तक, यानी अगले दो वर्षों तक झारखंड पुलिस की कमान संभालेंगी।

प्रशासनिक दक्षता और निर्विवाद छवि

आईपीएस अधिकारी तदाशा मिश्रा को एक दक्ष, अनुशासित और निर्विवाद अधिकारी के रूप में जाना जाता है। प्रभारी डीजीपी के रूप में उन्होंने पुलिस विभाग के भीतर बेहतर समन्वय स्थापित किया और कनीय अधिकारियों के साथ संतुलित प्रशासनिक कार्यशैली अपनाई।
उनके कार्यकाल में विभागीय अनुशासन और कार्यकुशलता पर विशेष जोर दिया गया, जिससे पुलिस प्रशासन को मजबूती मिली।

झारखंड को अब एक अनुभवी और मजबूत नेतृत्व मिला है, जिससे राज्य की कानून-व्यवस्था और पुलिस प्रशासन को और बेहतर दिशा मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।

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