Sunday, November 23, 2025
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सरयू राय का बड़ा हमला: बोले—धनबाद के कोयला माफिया पर नकेल कसना सिर्फ ईडी के बूते की बात नहीं

धनबाद के कोयला माफिया पर प्रशासनिक-राजनीतिक संरक्षण का गंभीर आरोप, सरयू राय ने कहा—एसआईटी बने तभी होगा असली सफाया

Highlights

  • सरयू राय बोले—कोयला माफिया पर केवल ईडी के भरोसे कार्रवाई संभव नहीं।
  • राजनीतिक संरक्षण और प्रशासनिक मिलीभगत सबसे बड़ी बाधा।
  • बीसीसीएल अधिकारियों पर भी मिलीभगत के संगीन आरोप।
  • माफिया खुलकर राजनीतिक दलों को समर्थन व चुनाव लड़ने का ऐलान करते हैं।
  • समाधान के लिए राज्य–केंद्र की संयुक्त एसआईटी बनाने की मांग।

विस्तार 

जमशेदपुर पश्चिमी के विधायक सरयू राय ने धनबाद के कोयला माफिया नेटवर्क पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि कोयला माफिया पर नकेल कसना ईडी (ED) के बूते की बात नहीं है। ईडी सिर्फ आर्थिक अनियमितताओं, मनी लॉन्ड्रिंग और काले धन पर कार्रवाई कर सकती है, लेकिन जो प्रशासनिक और राजनीतिक संरक्षण कोयला माफिया को मिलता है, उसे खत्म करना ईडी अकेले नहीं कर सकती।

राजनीतिक संरक्षण सबसे बड़ा कारण

सरयू राय ने आरोप लगाया कि धनबाद का कोयला माफिया नेटवर्क इतना ताकतवर है कि उसकी पहुंच केंद्र और राज्य सरकार के प्रभावशाली पदाधिकारियों तक है।

उन्होंने कहा:

  • कई राजनीतिक नेता और पदाधिकारी सीधे तौर पर कोयला माफिया से जुड़े हुए हैं।
  • धनबाद जिला प्रशासन इनके प्रभाव में है।
  • झारखंड सचिवालय तक इनकी पकड़ है।
  • विधानसभा में उठाए गए सवालों के जवाब भी अक्सर माफिया के हितों की रक्षा में दिए जाते हैं।

माफिया का राजनीतिक दलों से खुला संबंध

सरयू राय ने कहा कि जिन लोगों पर ईडी छापेमारी कर रही है, वही माफिया:

  • खुलेआम पूरे पेज का विज्ञापन निकालकर राजनीतिक दलों से नजदीकी दिखाते हैं।
  • और कुछ तो उनके टिकट पर चुनाव लड़ने की घोषणा तक कर देते हैं। यह स्थिति साफ करती है कि राजनीतिक संरक्षण कितना मजबूत है।

बीसीसीएल अधिकारियों पर भी मिलीभगत का आरोप

सरयू राय ने बीसीसीएल अधिकारियों और माफिया की सांठगांठ का आरोप भी लगाया। बीसीसीएल केंद्र सरकार का उपक्रम है, लेकिन “बीसीसीएल के कई वरीय अधिकारी कोयला माफियाओं के साथ सीधे तौर पर जुड़े हैं।”

समाधान: संयुक्त एसआईटी ही एकमात्र रास्ता

सरयू राय ने कहा कि अगर वास्तव में कोयला माफिया को खत्म करना है तो—

  • केंद्र और राज्य सरकार की संयुक्त एसआईटी बनाई जाए।
  • प्रशासनिक इकाइयों को अवैध खनन क्षेत्रों में ज़मीनी स्तर पर उतरना होगा।

उन्होंने कहा कि केवल ईडी की कार्रवाई पर्याप्त नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम, प्रशासन और राजनीतिक संरक्षण को काटना होगा।

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