लोकआस्था और परंपरा के संगम में झूम उठा गिरिडीह, पचंबा श्री गोपाल गौशाला परिसर में शुरू हुआ ऐतिहासिक मेला
Highlights:
- 128वें वार्षिक गोपाल गौशाला मेले का विधिवत शुभारंभ
- नगर विकास मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू और एसडीएम श्रीकांत यशवंत विस्पुते ने किया उद्घाटन
- मेले में पौराणिक कथाओं पर आधारित चलंत मूर्तियों की प्रदर्शनी
- झूले, झांकियां और धार्मिक कार्यक्रम बने आकर्षण का केंद्र
- गौशाला समिति ने बेज़ुबान पशुओं की सेवा को बताया “मानव धर्म”
विस्तार:
गिरिडीह- गिरिडीह में लोकआस्था के महापर्व छठ के समापन के दूसरे दिन बुधवार की शाम पचंबा स्थित श्री गोपाल गौशाला परिसर में 128वां गोपाल गौशाला मेला भव्य रूप से शुरू हुआ। दीप प्रज्वलन कर मेले का विधिवत उद्घाटन नगर विकास मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू, सदर एसडीएम सह गौशाला समिति अध्यक्ष श्रीकांत यशवंत विस्पुते, एसपी डॉ. विमल कुमार, मेले के संयोजक मुकेश साहू तथा कांग्रेस जिलाध्यक्ष सतीश केडिया ने संयुक्त रूप से किया।

मंत्री बोले- गौशालाएं हमारी संवेदना और संस्कृति का प्रतीक
उद्घाटन के अवसर पर मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने कहा कि गौशालाओं की स्थापना केवल धार्मिक आस्था से नहीं, बल्कि संवेदना और सेवा की भावना से की गई है। उन्होंने कहा, “सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि गौशालाओं में किसी तरह का पक्षपात न हो। इसी उद्देश्य से एसडीएम स्तर के पदाधिकारी को गौशाला समिति का अध्यक्ष बनाया गया है।”
मेले में झूले, चलंत मूर्तियाँ और धार्मिक प्रदर्शन आकर्षण का केंद्र
मेले के संयोजक मुकेश साहू ने बताया कि इस वर्ष का मेला विशेष रूप से पौराणिक कथाओं पर आधारित चलंत मूर्तियों की प्रदर्शनी, बांके बिहारी मंदिर में भव्य झांकियाँ, और आध्यात्मिक झूले जैसी आकर्षक व्यवस्थाओं से भरा है। उन्होंने कहा कि झांकियों के प्रदर्शन के लिए बाहर से विशेष कलाकारों की टीम बुलाई गई है, जो प्रतिदिन भगवान श्रीकृष्ण और अन्य देवी-देवताओं की लीलाओं का मंचन करेंगी।
धार्मिक आस्था के संगम में उमड़ा जनसैलाब
मेले में शाम ढलते ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। महिलाएँ, बच्चे और वृद्ध सभी मेले के भक्ति भाव से सराबोर हो उठे। पूरे परिसर में भजन, कीर्तन और घंटा-घड़ियाल की ध्वनि से वातावरण गूंज उठा।
समिति के पदाधिकारियों की रही सक्रिय भूमिका
उद्घाटन समारोह में सह संयोजक गोपाल बागेड़िया, अजय राय, कार्यकारी अध्यक्ष प्रदीप डोकानिया, सचिव प्रवीन बागेड़िया, नीलू केडिया, संजय भूदौलिया, धुर्व सोंथालिया, मुकेश जालान, बांके बिहारी शर्मा, प्रदीप अग्रवाल, प्रमोद अग्रवाल, और मीडिया प्रभारी गौतम सोनी सहित बड़ी संख्या में समिति के सदस्य उपस्थित रहे।
सेवा और आस्था का संगम
मेले के दौरान पशु सेवा, भंडारा और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन लगातार जारी रहेगा। गिरिडीह की यह परंपरा न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि गौ सेवा को सामाजिक चेतना से जोड़ने वाला आयोजन भी है।
