एसीबी की जांच में खुलासा — फर्जी गारंटी से 38 करोड़ का राजस्व नुकसान, कंपनियों को बिना मंजूरी 11 करोड़ का भुगतान
हाइलाइट्स:
- एसीबी ने पूर्व उत्पाद सचिव IAS मनोज कुमार से की पूछताछ
- फर्जी गारंटी के ज़रिए 38 करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान
- बिना मंत्री की जानकारी के 11 करोड़ रुपये का भुगतान
- पूर्व सचिव विनय चौबे पहले ही गिरफ्तार
विस्तार:
झारखंड के शराब घोटाला मामले में एसीबी (भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो) ने कार्रवाई तेज कर दी है। एजेंसी ने राज्य के पूर्व उत्पाद सचिव और IAS अधिकारी मनोज कुमार से बुधवार को पूछताछ की। उन्हें बीते दिनों नोटिस भेजकर तलब किया गया था, जिसके बाद वे एसीबी मुख्यालय पहुंचे। स्रोतों के अनुसार, मनोज कुमार से घोटाले से जुड़े वित्तीय और प्रशासनिक निर्णयों को लेकर कई घंटों तक सवाल-जवाब किए गए। पहले भी एक आईएएस अधिकारी गिरफ्तार इससे पहले पूर्व उत्पाद सचिव विनय चौबे को इसी मामले में एसीबी ने गिरफ्तार किया था। अब एजेंसी मनोज कुमार की भूमिका को लेकर जांच कर रही है, क्योंकि उनके कार्यकाल में कई संदिग्ध वित्तीय लेन-देन हुए थे।
फर्जी गारंटी से सरकार को 38 करोड़ का नुकसान
जांच में यह बात सामने आई है कि मेसर्स मार्शन इनोवेटिव सिक्यूरिटी सर्विस प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स विजन हॉस्पिटैलिटी सर्विसेज नामक कंपनियों ने 2023 से फर्जी गारंटी जमा कर अनुबंध कार्य शुरू किया था। इस फर्जीवाड़े से राज्य सरकार को लगभग 38 करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान हुआ है।
बिना मंजूरी के 11 करोड़ का भुगतान
जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि छत्तीसगढ़ की दो कंपनियों 1. मेसर्स दीशिता वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड, 2. मेसर्स ओम साईं विबरेजेज प्राइवेट लिमिटेड को बिना मंत्री की जानकारी के 11 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया गया। जबकि इन कंपनियों पर पहले से 450 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया था। यह भुगतान मनोज कुमार के सचिव रहते हुए किया गया था, जिस पर अब एसीबी ने सवाल उठाए हैं।
एसीबी की जांच में और नाम आ सकते हैं सामने
स्रोतों के मुताबिक, एसीबी ने इस घोटाले से जुड़ी कई फाइलें और डिजिटल रिकॉर्ड जब्त किए हैं। एजेंसी यह भी जांच कर रही है कि कौन-कौन से अधिकारी और कारोबारी इस नेटवर्क से जुड़े थे। जांच पूरी होने के बाद और गिरफ्तारियां हो सकती हैं। झारखंड में शराब वितरण से जुड़े इस घोटाले ने बड़े प्रशासनिक स्तर पर भ्रष्टाचार के संकेत दिए हैं।
एसीबी की पूछताछ और सबूतों के आधार पर आने वाले दिनों में राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में हलचल मचने की संभावना है।
