दिल्ली और बिहार पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में बड़ी सफलता, AK-47 समेत कई हथियार बरामद — चुनाव से पहले बड़ी साजिश नाकाम
हाइलाइट्स:
- दिल्ली के रोहिणी में रात 2:20 बजे हुआ एनकाउंटर
- बिहार के कुख्यात रंजन पाठक सहित चार अपराधी मारे गए
- “सिग्मा एंड कंपनी” नाम से चलता था गैंग
- बिहार-नेपाल बॉर्डर तक फैला था नेटवर्क
- AK-47 समेत भारी मात्रा में हथियार बरामद
- डीजीपी बोले — चुनावी माहौल में गड़बड़ी फैलाने की साजिश थी
- पुलिस को कोई गंभीर चोट नहीं आई
विस्तार:
दिल्ली के रोहिणी सेक्टर में बुधवार और गुरुवार की दरमियानी रात दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच और बिहार पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में सिग्मा गैंग के चार मोस्ट वांटेड अपराधी ढेर हो गए।
एनकाउंटर में मारे गए बदमाशों में गैंग का सरगना रंजन पाठक भी शामिल है, जो बिहार में हत्या, रंगदारी और लूट जैसे कई मामलों में वांछित था। मुठभेड़ 22-23 अक्टूबर की रात करीब 2:20 बजे रोहिणी के बहादुर शाह मार्ग और पंसाली चौक के बीच हुई। पुलिस को पहले से सूचना थी कि रंजन और उसके साथी दिल्ली में छिपे हैं और किसी बड़ी वारदात की योजना बना रहे हैं। जैसे ही पुलिस ने घेराबंदी की, अपराधियों ने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में चारों बदमाश मौके पर ढेर हो गए।
कौन थे मारे गए अपराधी?
पुलिस ने एनकाउंटर में मारे गए अपराधियों की पहचान इस प्रकार की है
- रंजन पाठक (25 वर्ष) — निवासी मलहई, थाना सुरसंड, जिला सीतामढ़ी (बिहार)
- मनीष पाठक (33 वर्ष) — निवासी मलहई, थाना सुरसंड, जिला सीतामढ़ी
- बिमलेश महतो उर्फ बिमलेश साहनी (25 वर्ष) — निवासी रतनपुर, थाना बजपट्टी, जिला सीतामढ़ी
- अमन ठाकुर (21 वर्ष) — निवासी शेरपुर, करावल नगर, दिल्ली
रंजन पाठक पर बिहार पुलिस ने ₹50,000 का इनाम रखा था, जबकि विमलेश और अमन पर ₹25,000 का इनाम घोषित था। चारों पर हत्या, अपहरण, रंगदारी और हथियारबंदी जैसे दर्जनों संगीन केस दर्ज थे।
सिग्मा गैंग की आपराधिक कुंडली
रंजन पाठक का “सिग्मा एंड कंपनी” गैंग बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और नेपाल बॉर्डर तक सक्रिय था। गैंग के सदस्य सुपारी किलिंग, रंगदारी वसूली, हथियार तस्करी और हत्या में शामिल थे। पुलिस के अनुसार, गिरोह की फंडिंग नेपाल के रास्ते होती थी, और कई अपराधी वारदात के बाद नेपाल भाग जाते थे। हाल ही में बिहार के सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर और मधुबनी में हुई 5 हाई-प्रोफाइल हत्याओं में भी इस गैंग का नाम सामने आया था।
चुनावी माहौल में गड़बड़ी फैलाने की साजिश थी
बिहार के डीजीपी विनय कुमार ने बताया कि यह गिरोह आगामी बिहार विधानसभा चुनाव से पहले किसी बड़ी साजिश को अंजाम देने की तैयारी में था।
उन्होंने कहा – “इन अपराधियों का मूवमेंट और लौटने का टाइम देखकर शक होता है कि यह गैंग चुनावी माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहा था। हमने समय रहते कार्रवाई की।” डीजीपी ने बताया कि ऑपरेशन के दौरान पुलिस ने AK-47 समेत कई आधुनिक हथियार बरामद किए हैं।
ऑपरेशन का नेतृत्व और कार्रवाई का तरीका
क्राइम ब्रांच के डीसीपी संजीव यादव के नेतृत्व में संयुक्त टीम ने यह ऑपरेशन चलाया। जैसे ही अपराधियों की गाड़ी रोहिणी सेक्टर-35 के पास पहुंची, पुलिस ने रोकने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने फायरिंग शुरू कर दी। करीब 5 मिनट चली मुठभेड़ में चारों बदमाश ढेर हो गए। पुलिस ने मौके से पिस्तौल, कारतूस, खोखे और मोबाइल फोन बरामद किए हैं।
डीसीपी यादव ने बताया-
“यह ऑपरेशन पूरी तरह गुप्त रखा गया था। अपराधियों की हरकतों पर कई दिनों से निगरानी थी। बिहार चुनाव से पहले बड़ी वारदात को रोकने में सफलता मिली है।”
गैंग के नेटवर्क की जांच जारी
फिलहाल दिल्ली और बिहार पुलिस गैंग के बाकी सदस्यों, फंडिंग चैनल और स्थानीय संपर्कों की जांच कर रही है। सूत्रों के अनुसार, रंजन पाठक दिल्ली में फर्जी पहचान से रह रहा था और नए नेटवर्क खड़े करने की कोशिश कर रहा था एनकाउंटर की खबर के बाद सीतामढ़ी और आसपास के इलाकों में राहत और सुकून का माहौल है। लोगों ने कहा कि “आखिरकार एक आतंक का अंत हो गया।”
किसने क्या कहा:
डीजीपी विनय कुमार, बिहार: “यह कार्रवाई बिहार और दिल्ली पुलिस के समन्वय की मिसाल है। चुनाव से पहले अपराध के खिलाफ हमारी जीरो टॉलरेंस नीति स्पष्ट है।”
डीसीपी संजीव यादव, दिल्ली क्राइम ब्रांच: “पुलिस की तत्परता और रणनीति ने इस खतरनाक गैंग का अंत कर दिया। आगे और गिरफ्तारियां होंगी।”