कुरमी समाज को जनजाति में शामिल करने की मांग को लेकर आदिवासी समाज विरोध स्वरूप रैली का आयोजन कर रहा है; राज्यभर से बड़े पैमाने पर जुटान का दावा
Highlights:
- आदिवासी समाज 17 अक्टूबर को प्रभात तारा मैदान में महारैली आयोजित करेगा
- लक्ष्मी नारायण मुंडा ने लाखों की तादाद में आदिवासी समाज के जुटान का दावा किया
- देव कुमार धान ने कहा, आदिवासी समुदाय को संविधान में मिले आरक्षण पर खतरा है
- धूम कुड़िया भवन में संवाददाता सम्मेलन आयोजित किया गया
विस्तार:
राँची: राज्य में कुरमी और आदिवासी समाज के बीच बढ़ते विवाद को लेकर आदिवासी समाज ने जन आक्रोश हुंकार महारैली का आयोजन किया है। यह रैली 17 अक्टूबर को प्रभात तारा मैदान में होने जा रही है। इस अवसर पर राज्यभर से आदिवासी समाज के लोगों के जुटने का दावा किया गया है। आदिवासी समाज का कहना है कि कुरमी समाज की मांग है कि उन्हें अनुचित जनजाति में शामिल किया जाए, जबकि आदिवासी समुदाय इस प्रस्ताव का पुरजोर विरोध कर रहा है।
आदिवासी नेताओं का बयान
संवाददाता सम्मेलन में उपस्थित आदिवासी नेता लक्ष्मी नारायण मुंडा ने कहा कि कल की हुंकार रैली में लाखों की तादाद में आदिवासी समाज के लोग शामिल होंगे। वहीं, आदिवासी नेता देव कुमार धान ने कहा कि आदिवासी समुदाय के अनुसार कुरमी समाज की यह मांग संविधान में मिले आरक्षण पर खतरा पैदा कर सकती है।
आगे की कार्रवाई
आदिवासी समाज की इस रैली को लेकर प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हैं। मैदान और आसपास के क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई गई है ताकि किसी अप्रिय घटना को रोका जा सके।