मरांडी ने X पर लिखा – “रांची की सड़कों पर दौड़ रही अवैध बालू लदी गाड़ियां बिना डीजीपी और सीएम के संरक्षण के संभव नहीं”
Highlights:
- बाबूलाल मरांडी ने अवैध बालू परिवहन पर उठाए गंभीर सवाल
- डीजीपी और मुख्यमंत्री पर लगाया संरक्षण का आरोप
- कहा – रांची में CCTV और PCR के बावजूद कैसे हो रही बालू ढुलाई?
- ईडी जांच का हवाला देते हुए की उच्चस्तरीय जांच की मांग
विस्तार (Full Story):
रांची – झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने राज्य में हो रहे अवैध बालू परिवहन को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। मरांडी ने अपने X (पूर्व ट्विटर) हैंडल पर पोस्ट करते हुए लिखा कि “बालू लदी अवैध गाड़ियां रांची की सड़कों पर यूँ ही नहीं दौड़तीं। यह अवैध धंधा डीजीपी के संरक्षण और सहभागिता के बिना संभव नहीं है।” उन्होंने आगे लिखा कि “इससे होने वाली अवैध कमाई नीचे से ऊपर तक बंट जाती है और इसका लाभ सीधे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भी पहुंचाया जाता है।”
मरांडी ने सवाल उठाया कि “जब रांची में हर चौराहे पर CCTV कैमरे लगे हुए हैं और PCR वैन हर समय निगरानी में रहती हैं, तो अवैध बालू की ढुलाई कैसे हो रही है?” उन्होंने कहा कि यह न केवल आदेश की अवहेलना है बल्कि डीजीपी की सीधी मिलीभगत का उदाहरण है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने याद दिलाया कि “माननीय उच्च न्यायालय ने स्पष्ट आदेश दिया है कि जब तक PESA कानून लागू नहीं होता, तब तक बालू घाटों पर खनन प्रतिबंधित रहेगा। इसके बावजूद बालू की ढुलाई जारी है, जो मुख्यमंत्री के संरक्षण में हो रहा गंभीर आर्थिक अपराध है।”
मरांडी ने आगे कहा कि ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने पहले ही रामगढ़, हजारीबाग और बड़कागांव में हुए बालू घोटाले में कांग्रेस नेताओं की संलिप्तता की पुष्टि की है। उन्होंने दावा किया कि “यदि रांची में भी जांच हो तो मुख्यमंत्री और डीजीपी के कारनामे उजागर होंगे।” मरांडी ने अपनी पोस्ट में @PMOIndia, @HMOIndia, @dir_ed, और @JharkhandCMO को टैग कर केंद्रीय जांच एजेंसियों से जांच की मांग की है।