सुरक्षा कारणों से जेल आईजी ने दिए आदेश, मलेशिया से भारत में चला रहा था गैंग — लॉरेंस बिश्नोई और अमन साव से था संपर्क
Highlights :
- झारखंड का अंतरराष्ट्रीय अपराधी मयंक सिंह उर्फ सुनील मीणा जल्द शिफ्ट होगा घाघीडीह सेंट्रल जेल
- जेल आईजी ने सुरक्षा कारणों से रामगढ़ से ट्रांसफर का आदेश दिया
- अजरबैजान से प्रत्यर्पित होकर लाया गया झारखंड का पहला अपराधी
- मयंक मलेशिया से ऑनलाइन नेटवर्क चलाकर भारत में अपराधों को देता था अंजाम
- झारखंड पुलिस के मुताबिक, उस पर 48 आपराधिक मामले दर्ज
- लॉरेंस बिश्नोई और अमन साव जैसे कुख्यात अपराधियों से थे रिश्ते
- हजारीबाग, रांची, रामगढ़, पलामू और गिरिडीह में दर्ज हैं कई मामले
विस्तार :
झारखंड के अंतरराष्ट्रीय अपराधी मयंक सिंह उर्फ सुनील मीणा को जल्द ही जमशेदपुर के घाघीडीह सेंट्रल जेल में शिफ्ट किया जाएगा। इस संबंध में जेल आईजी द्वारा आदेश जारी किए गए हैं। वर्तमान में मयंक सिंह रामगढ़ जेल में बंद है, लेकिन सुरक्षा कारणों से जेल प्रशासन ने उसे वहां रखना जोखिम भरा माना। इसके बाद प्रशासन ने उसे अति सुरक्षित घाघीडीह जेल में शिफ्ट करने की सिफारिश की थी, जिसे जेल आईजी ने स्वीकार कर लिया है और ट्रांसफर की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
गौरतलब है कि मयंक सिंह, झारखंड का पहला अपराधी है जिसे विदेश से प्रत्यर्पित कर लाया गया था। उसे अजरबैजान से गिरफ्तार कर भारत लाया गया था। प्रत्यर्पण के बाद उसे रामगढ़ जेल में रखा गया था, लेकिन अब सुरक्षा के दृष्टिकोण से उसे उपकारा से केंद्रीय कारागार में शिफ्ट किया जा रहा है।
राजस्थान निवासी मयंक सिंह का असली नाम सुनील मीणा है। वह कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और अमन साव के संपर्क में था और पिछले कई सालों से आपराधिक गतिविधियों को अंजाम दे रहा था। पुलिस के अनुसार, पिछले पांच साल तक मयंक की असली पहचान रहस्य बनी रही, लेकिन एटीएस टीम ने लगातार प्रयासों के बाद उसका असली नाम उजागर किया। सूत्रों के मुताबिक, मयंक मलेशिया में बैठकर सोशल मीडिया और ऑनलाइन नेटवर्क के जरिए भारत में गैंग संचालित कर रहा था। उसके निर्देश पर रंगदारी, धमकी और हथियारबंद हमलों की कई घटनाएं झारखंड और बिहार में हुई थीं।
झारखंड पुलिस ने बताया कि मयंक सिंह के खिलाफ कुल 48 आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें से अधिकतर हजारीबाग जिले में हैं। इसके अलावा रांची, रामगढ़, पलामू और गिरिडीह जिलों में भी उसके खिलाफ कई गंभीर केस दर्ज हैं। प्रशासन का मानना है कि मयंक सिंह का नेटवर्क अब भी सक्रिय है, इसलिए उसकी निगरानी और सुरक्षा दोनों को लेकर जेल प्रशासन और पुलिस विभाग पूरी तरह सतर्क है।
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