नवरात्र के दिनों में भारतीय सभ्यता संस्कृति गुजराती परंपरागत गरबा डांडिया नृत्य गीत का महत्व बेहद ही खास होता है और इसी पारंपरिक बोध को विकसित करने के लिए राजधानी रांची के एक निजी विद्यालय में डांडिया से गरबा का आयोजन किया गया | इस आयोजन में छात्र-छात्राओं सहित विद्यालय के शिक्षकों और अभिभावकों को की भी हम भूमिका और हिस्सा रहा | परंपरागत गायन के साथ स्कूली बच्चे बच्चियों का थिरकन काफी मनमोहक रही कार्यक्रम में उपस्थित बच्चे बच्चियों ने जमकर डांडिया गरबा का आनंद उठाया |
निर्देशक ने इस आयोजन के पीछे का उद्देश्य को बताते हुए कहा कि स्कूली छात्र-छात्राओं के सर्वांगीण विकास के तहत धार्मिक और पारंपरिक त्यौहारों में इस तरह के आयोजन करने से बच्चे बच्चियों में अपनी रीति और संस्कृति को जानने का एक प्रकार से अवसर प्रदान होता है |
वही स्कूल की शिक्षिका का कहना है कि राष्ट्रीय त्योहारों के साथ-साथ संस्कृति से जुड़े हुए त्योहार को सेलिब्रेट किया जाता है ताकि अपनी संस्कृति को बच्चे व्यावहारिक रूप से जान और समझ सके |
वही अभिभावक का कहना है कि इस तरह का आयोजन से छोटे बच्चे बहुत कुछ सीख पाते हैं |