रांची: इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ कोल मैनेजमेंट (IICM), कांके, रांची में कार्यरत ठेका श्रमिकों की दयनीय स्थिति और उनके साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ आईआईसीएम श्रमिक संघ ने आज एक आपात बैठक की। बैठक की अध्यक्षता संघ के अध्यक्ष अजय राय ने की और प्रबंधन के प्रति तीव्र आक्रोश व्यक्त किया।
राय ने कहा कि कोल इंडिया लिमिटेड निदेशक मंडल द्वारा ठेका श्रमिकों को बीमा, आवास, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधा देने का ऐतिहासिक निर्णय लिया गया था, लेकिन आईआईसीएम प्रबंधन की लापरवाही के कारण इनका क्रियान्वयन आज तक नहीं हुआ।
श्रमिक संघ की प्रमुख समस्याएँ:
बकाया भुगतान: EL, ग्रेच्युटी और बोनस दो महीने से रोका गया।
वेतन में देरी: अगस्त माह का वेतन अभी तक नहीं मिला।
बीमा व स्वास्थ्य सुविधा: निदेशक मंडल के आदेश के बावजूद श्रमिक वंचित।
आवास व शिक्षा सुविधा: वर्षों से काम कर रहे श्रमिकों को मूलभूत सुविधाएँ नहीं।
साक्षरता व ट्यूटोरियल कार्यक्रम: केवल कागजी घोषणा, जमीनी स्तर पर कार्य शून्य।
अजय राय का बयान
“आईआईसीएम की स्थापना 1994 में हुई थी। यहाँ के अधिकांश श्रमिक 30 वर्षों से काम कर रहे हैं, लेकिन न तो स्थायी किए गए और न प्रमोशन मिला। वहीं चहेते लोगों को अधिकारियों की कृपा से मनमानी पदोन्नतियाँ दी गईं। यह सरासर अन्याय है। यदि 15 दिनों में हमारी माँगें पूरी नहीं हुईं तो हम चरणबद्ध आंदोलन शुरू करेंगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी प्रबंधन की होगी।”
आगे की रणनीति
बैठक में निर्णय लिया गया कि ज्ञापन की प्रतिलिपि माननीय कोयला मंत्री, मुख्यमंत्री झारखंड, चेयरमैन कोल इंडिया लिमिटेड तथा श्रम आयुक्त झारखंड को भेजी जाएगी ताकि मामले में त्वरित हस्तक्षेप हो सके।
बैठक में उपस्थित प्रमुख लोग
विजय शर्मा, धर्मेन्द्र कुमार, मनोज सिंह, आलोक झा, निर्मला देवी, पूनम तिर्की, मदाली कुजुर, अनीता तिग्गा, साधना सिन्हा, सुशीला भेंगरा, राजू बड़ाइक, प्रदीप किसपुट्टा, गोपाल महतो, विजय महतो, अनुपमा साहू, लखिक लिंडा, ज्योति खाल्को, मोहम्मद महमूद, रमेश साहू, अशोक कुमार, भागीरथ महतो, सैफरन आलम, इस्लाम खान, मुकेश कुमार, पंकज महतो समेत बड़ी संख्या में श्रमिक मौजूद रहे।