गिरिडीह बीमा कर्मचारी संघ हजारीबाग मंडल का 32 वाॅं अधिवेशन संगम गार्डन होटल मे हुआ सम्पन्न इस अधिवेशन की अध्यक्षता वाली हेमंत मिश्रा ने किया I पूर्वांचल बीमा कर्मचारी संघ के सहायक सचिव अनिल कुमार के द्वारा अधिवेशन का उदघाटन किया गया वहीं पूर्वांचल बीमा कर्मचारी संघ के सहायक सचिव राजीव शंकर और पटना मंडल के अध्यक्ष अशोक प्रसाद अतिथि के रूप में उपस्थित थे l अधिवेशन के कन्वेनर धर्म प्रकाश थे l
कार्यक्रम की शुरुआत अतिथियों को बुके देकर किया गया l सीसीएल डीएभी के बच्चियों के द्वारा स्वागत गाना पेश किया गया वहीं कोलायांचल चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज और आविष्कार डायग्नोस्टिक के द्वारा हजारीबाग मंडल के एल आई सी के 20 शाखाओं से आए 400 से अधिक डेलीगेट और आब्जर्वर का ब्लड शुगर और HBA 1 C का जॉच किया गया l बी एस एस आर यूनियन के द्वारा मेडिसीन कैंप लगाया गया |
इस बाबत महासचिव जे सी मित्तल ने कहा कि सरकार की जनविरोधी नीतियां विशेष रूप से सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों के निजीकरण का आक्रमण और मेहनतकश लोगों के कड़ी मेहनत से अर्जित अधिकारों पर हमलों के जरिये श्रमिक कानूनों को नियोक्तापरक बनाने और सार्वजनिक सम्पदाओं को चहेते पूंजीसखाओं के हाथ में लूटने की बनाई विनाशकारी अर्थव्यवस्था के विरोध में बैठक में चर्चा की गई ।
आप अवगत हैं कि सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा उद्योग पर हमले में कोई कमी नहीं आई है |सरकार संसद के आगामी सत्र में बीमा कानून संशोधन विधेयक पेश करने पर आमदा है। विधायक का ढांचा वित्तीय सेवा विभाग के नवंबर 2024 के प्रस्ताव पर आधारित है ।इसमें तीन कानून बीमा अधिनियम 1938 जीवन बीमा निगम अधिनियम 1956 और बीमा विनियम विनियामक और विकास प्राधिकरण अधिनियम 1999 में संशोधन लाने का प्रस्ताव है। इन प्रस्ताव में सार्वजनिक क्षेत्र के बीमा उद्योग को राष्ट्रीयकरण से पहले के दिनों में वापस ले जाने की क्षमता है ।दीपम के सचिव अरुनिश चावला ने हाल ही में कहा है कि सरकार आने वाले महीना में ऑफर फॉर सेल के जरिए LIC में 6.5% हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रही है ।इसी तरह से सार्वजनिक क्षेत्र की सामान्य बीमा कंपनियों का निजीकरण भी सरकार की मेज पर है ।बीमा क्षेत्र में एफडीआई की सीमा को 74% से बढ़कर 100% करने की सरकार की जिद समझ से परे है।क्योंकि विदेशी बीमा कंपनियां भारत की बीमा क्षेत्र में कोई खास दिलचस्पी नहीं दिख रही हैं। नतीजन बीमा उद्योग में वास्तविक एफडीआई अनिवार्य 74% के मुकाबले केवल 32% के आसपास है।इसी तरह LIC में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की भर्ती एक ऐसा मुद्दा है जिसका समाधान लंबे समय से मांगा जा रहा है एलआईसी के कुल कर्मचारियों की संख्या में चिंताजनक गिरावट आई है लेकिन तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की संख्या में यह गिरावट और भी अधिक है। 31मार्च 1995 से 31 मार्च 2024 के बीच LIC में पॉलिसीयों की संख्या में 410% की वृद्धि हुई है जबकि तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की संख्या में 49% की गिरावट आई है । इसलिए LIC में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की भर्ती की मांग पर अपना अपना अभियान और संघर्ष तेज करना होगा।
आज हमारी मुख्य समस्या बेतहाशा महंगाई प्रचंड बेरोजगारी , गरीबी –भूखमरी , शिक्षा और स्वास्थ्य की गंभीर समस्या को और विकराल करता सरकार की इन क्षेत्रों में निजीकरण की नीतियों को लागू करना किसानों की बदहाली और देश की परिसंपत्तियों का अत्यधिक केन्द्रीयकरण किया जाना है। पर यह सरकार सांप्रदायिक उन्माद और नफरत फैला कर इन मूल मुद्दों से देश के आम लोगों का ध्यान भटका कर अपनी तमाम जन विरोधी नीतियों को लागू करने के अभियान पर अग्रसर है. सरकार की ये तमाम नीतियाँ संविधान की मूल प्रस्तावना के विपरीत हैं क्योंकि ये लोक कल्याणकारी की चरित्र से हट कर अपने कुछ प्रिय चंद कोर्पोरेट घरानों के मुनाफाखोरी के हित साधन हेतु लाये जा रहे हैं. इसी कड़ी का एक कदम है LIC का विनेविशीकरण एवं बीमा उद्योग में 100% FDI की नीति । कोषाध्यक्ष विजय चौबे ते द्वारा वर्ष 2024 के आय व्यय का ब्यौरा प्रस्तुत किया l
अधिवेशन में उपाध्यक्ष अरविंद कुमार और अजीत मिंज , संयुक्त सचिव रामायण गुप्ता सुशील सिंह और शंकर कुमार , सांगठनिक सचिव अमित कुमार राकेश शर्मा , सहायक सचिव अर्जुन तिवारी राजेश शर्मा सहित कई पदाधिकारीयो तथा शाखा सचिवों के द्वारा संबोधित किया l
इस कार्यक्रम को सफल बनाने में संजय शर्मा विजय कुमार राजेश कुमार उपाध्याय उमानाथ झा कुमकुम बाला वर्मा स्वेता प्रीतम कुमार रोशन कुमार राजेश कुमार विजय कुमार नीरज सिंह स्वेता कुमारी अंशु कुमारी सिंघानिया नीतीश गुप्ता देवनाथ दास प्रभाष शर्मा अभय कुमार सुनील कुमार वर्मा पंकज कुमार गौरव सिंह माहेश्वरी वर्मा प्रदीप कुमार प्रदीप प्रसाद संजय कुमार शर्मा विजय मंडल संजय गुप्ता सहित गिरिडीह के तमाम कर्मचारियों का सराहनीय योगदान रहा l