Friday, September 19, 2025
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खंडोली में प्रदूषण और अवैध फैक्ट्री के खिलाफ जेएलकेएम का बड़ा ऐलान, 8 सितम्बर को ग्रामीण लेंगे जल समाधि

अंडा और मशरूम फैक्ट्री से फैल रहे गंदगी और जल प्रदूषण को लेकर भड़के ग्रामीण, खंडोली डैम बचाओ अभियान के तहत आंदोलन तेज

हाइलाइट्स

  • जेएलकेएम नेताओं ने खंडोली डैम परिसर में किया प्रेस वार्ता

  • 8 सितम्बर को ग्रामीण करेंगे पूर्ण जल समाधि

  • प्रशासन पर लापरवाही और मिलीभगत का आरोप

  • भूमाफियाओं द्वारा अधिग्रहित जमीन की अवैध खरीद-बिक्री का आरोप

  • डैम प्रदूषण रोकने और सीमांकन कराने की मांग

  • खंडोली को पर्यटन क्षेत्र घोषित करने व खतियानधारी को प्राथमिकता देने की अपील

गिरिडीह जिले के खंडोली डैम को लेकर विवाद और आंदोलन तेज हो गया है। डैम के अधिग्रहित जमीन पर अवैध कब्ज़ा, भूमाफियाओं द्वारा खरीद-बिक्री और अंडा व मशरूम फैक्ट्री से फैल रहे प्रदूषण के खिलाफ झारखंड लोक कल्याण मंच (जेएलकेएम) और ग्रामीणों ने मोर्चा खोल दिया है।

इसी सिलसिले में गुरुवार (5 सितम्बर) को जेएलकेएम के केंद्रीय संगठन सचिव नागेंद्र चंद्रवंशी और मधवाडीह के मुखिया सिद्दीक अंसारी ने खंडोली डैम परिसर में प्रेस वार्ता की। उन्होंने घोषणा की कि यदि प्रशासन ने कार्रवाई नहीं की तो आगामी 8 सितम्बर 2025 को “खंडोली डैम बचाओ अभियान” के तहत ग्रामीण पूर्ण जल समाधि लेंगे।

नेताओं ने कहा कि कई बार अंचलाधिकारी और उपायुक्त से निष्पक्ष जांच और कार्रवाई की मांग की गई, लेकिन प्रशासन ने अब तक कोई कदम नहीं उठाया। मजबूर होकर ग्रामीणों ने चरणबद्ध आंदोलन शुरू किया। इसमें पुतला दहन से लेकर जिला पर्यावरण विभाग, झारखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, विधायक, मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री तक को आवेदन दिया गया।

सिद्दीक अंसारी ने आरोप लगाया कि अधिग्रहित जमीन को भूमाफियाओं और अधिकारियों की मिलीभगत से अवैध रूप से बेच दिया गया और वहीं अंडा-मशरूम फैक्ट्रियां चलाई जा रही हैं। इन फैक्ट्रियों से निकलने वाला गंदा पानी सीधे डैम में गिरकर जलाशय और पर्यावरण को प्रदूषित कर रहा है।

खंडोली डैम बचाओ अभियान की प्रमुख मांगें

  1. अधिग्रहित जमीन को भूमाफियाओं से मुक्त कराना।

  2. डैम की जमीन का सीमांकन कराया जाए।

  3. डैम के जल प्रदूषण पर रोक लगे और शुद्ध पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित हो।

  4. खतियानधारी (भूमि स्वामी) को मछली पालन और रोजगार में प्राथमिकता मिले।

  5. खंडोली को पर्यटन क्षेत्र घोषित कर स्थानीय युवाओं को रोजगार में बढ़ावा दिया जाए।

  6. जिन रैयतों को अब तक मुआवजा नहीं मिला है, उन्हें शीघ्र मुआवजा दिया जाए।

प्रेस वार्ता में अर्जुन पंडित, मो. आजाद अंसारी, अशोक यादव, अजय कुमार दास, मिहिर चंद्रवंशी, दिलीप कुमार, वतन शाहा, मो. मोइनुद्दीन अंसारी, शुशील हंसदा, राजेश रवानी समेत कई ग्रामीण मौजूद रहे।

ग्रामीणों ने साफ चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो 8 सितम्बर को होने वाली जल समाधि की जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।

 

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