रांची- झारखंड हाईकोर्ट ने TGT (Trained Graduate Teacher) नियुक्ति मामले में बड़ा फैसला सुनाया है। जस्टिस दीपक रोशन की एकलपीठ ने मीना कुमारी एवं अन्य बनाम राज्य सरकार [W.P.(S) No. 582/2023] मामले में सुनवाई करते हुए नियुक्ति प्रक्रिया में कई खामियों की ओर इशारा किया।
याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अजीत कुमार एवं अधिवक्ता चंचल जैन ने अपनी दलीलें पेश कीं। उन्होंने अदालत को बताया कि नियुक्ति प्रक्रिया में गंभीर अनियमितताएँ और पारदर्शिता की कमी रही है।
अदालत ने इस पर संज्ञान लेते हुए पूरे मामले की जांच के लिए वन मैन फैक्ट फाइंडिंग कमेटी गठित करने का आदेश दिया है। यह कमेटी झारखंड हाईकोर्ट के माननीय न्यायाधीश डॉ. जस्टिस एस. एन. पाठक की अध्यक्षता में बनेगी। अदालत ने स्पष्ट किया कि कमेटी को संदर्भ बिंदुओं के आधार पर पूरी प्रक्रिया की गहन जांच करनी होगी।
इसके साथ ही, अदालत ने झारखंड सरकार और जेएसएससी को शेष 2034 रिक्त पदों को शीघ्र भरने का निर्देश दिया है। इस आदेश को TGT अभ्यर्थियों के लिए एक बड़ी राहत और नियुक्ति प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है