सूर्या हांसदा एनकाउंटर मामले में बीजेपी का हमला – बाबूलाल मरांडी बोले, “यह सुनियोजित हत्या है, CBI जांच हो”
हाइलाइट्स (Highlights):
- भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने सूर्या हांसदा एनकाउंटर को बताया सुनियोजित हत्या
• घटना की जांच के लिए बीजेपी ने बनाई 7 सदस्यीय कमेटी, रिपोर्ट पर हुई चर्चा
• मरांडी ने कहा – पुलिस ने न्यायिक प्रक्रिया और नियमों का पालन नहीं किया
• सूर्या हांसदा सामाजिक कार्यकर्ता थे, माफिया और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ते थे
• बीजेपी की मांग – मामले की जांच सीबीआई से कराई जाए, दोबारा पोस्टमार्टम हो
विस्तार:
रांची – भाजपा प्रदेश कार्यालय में आज प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सूर्या हांसदा एनकाउंटर मामले पर मीडिया से बात की।
मरांडी ने आरोप लगाया कि सूर्या हांसदा की गिरफ्तारी और फिर पुलिस मुठभेड़ में की गई हत्या, पूरी तरह सुनियोजित षड्यंत्र का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि सूर्या हांसदा एक सामाजिक कार्यकर्ता थे, जो माफिया और भ्रष्ट अधिकारियों के लिए कांटा बन गए थे।
मरांडी ने कहा कि इस घटना के बाद बीजेपी ने पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा की अध्यक्षता में 7 सदस्यीय जांच समिति बनाई थी। समिति ने 17 अगस्त को ललमटिया जाकर सूर्या हांसदा के परिजनों से मुलाकात की और घटना की जानकारी ली। आज पार्टी ने इस रिपोर्ट पर चर्चा की।
मरांडी ने आरोप लगाया कि पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता और सभी नियमों का उल्लंघन किया। परिजनों को घटनास्थल पर जाने नहीं दिया गया और आनन-फानन में पोस्टमार्टम कर शव परिजनों को सौंप दिया गया। यह कार्रवाई पुलिस पर सवाल खड़ा करती है।
उन्होंने बताया कि सूर्या हांसदा पर 24 मुकदमे दर्ज थे, जिनमें से 14 समाप्त हो चुके थे और 5 पर उन्हें जमानत मिल चुकी थी। वे साहेबगंज से लेकर गोड्डा तक अवैध कार्यों का विरोध करते थे, जिसके कारण राजनीतिक दबाव में पुलिस ने उनकी हत्या करवा दी।
मरांडी ने कहा कि सूर्या हांसदा के वकील की भी जान को खतरा है। इसलिए इस पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराई जानी चाहिए, ताकि सच्चाई सामने आ सके।
वहीं, भाजपा उपाध्यक्ष भानू प्रताप शाही ने कहा कि पुलिस का एनकाउंटर फर्जी था। सूर्या हांसदा के शरीर पर चोट के निशान थे और उनकी मौत पुलिस टॉर्चर से हुई है। इसलिए उनका दोबारा पोस्टमार्टम कराया जाए।