रेड कॉर्नर नोटिस पर हुई गिरफ्तारी, झारखंड का पहला अपराधी जो विदेश से प्रत्यर्पित होकर भारत लाया गया
Highlights
- कड़ी सुरक्षा में शनिवार सुबह रांची एयरपोर्ट लाया गया मयंक सिंह
- 29 अक्टूबर 2024 से अज़रबैजान के बाकू में था हिरासत में
- रामगढ़ पतरातू केस का आरोपी, झारखंड एटीएस कर रही थी जांच
- लॉरेंस बिश्नोई गैंग से संबंध, राजस्थान, पंजाब और हरियाणा में सक्रिय अपराधी
- इंटरपोल की रेड कॉर्नर नोटिस सूची में शामिल
- सोशल मीडिया पर हथियारों के साथ वीडियो और फोटो साझा करता था
- अज़रबैजान की अदालत ने 27 जनवरी 2025 को प्रत्यर्पण की अनुमति दी थी
विस्तार
रांची: कुख्यात अपराधी मयंक सिंह को अज़रबैजान से प्रत्यर्पित कर शनिवार की सुबह कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच रांची एयरपोर्ट लाया गया। उसे बाकू प्रशासन ने झारखंड पुलिस की आतंकवाद निरोधक दस्ता (ATS) को सौंपा।
झारखंड ATS के एसपी ऋषभ कुमार झा के नेतृत्व में एक विशेष टीम बाकू पहुंची थी। वहां से उसे शुक्रवार को भारतीय अधिकारियों को सुपुर्द किया गया और टीम शनिवार को रांची लेकर पहुंची।
मयंक सिंह को रेड कॉर्नर नोटिस के आधार पर 29 अक्टूबर 2024 को अज़रबैजान गणराज्य में हिरासत में लिया गया था। 27 जनवरी 2025 को बाकू स्थित अपराध न्यायालय ने उसके भारत प्रत्यर्पण की अनुमति दी थी। इसके बाद भारत सरकार ने पॉलिटिकल क्लियरेंस दिया और 22 अगस्त को उसे भारतीय अधिकारियों को सौंपा गया।
गौरतलब है कि मयंक सिंह रामगढ़ के पतरातू (भदानीनगर) थाना क्षेत्र के 2022 के एक गंभीर आपराधिक केस का आरोपी है। इस केस की जांच झारखंड ATS कर रही थी।
मयंक सिंह का अपराध जगत में लंबा इतिहास रहा है। वह कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई से जुड़ा रहा और राजस्थान, पंजाब, हरियाणा सहित कई राज्यों में बड़े अपराधों में शामिल रहा। देश छोड़ने के बाद भी उसने इंटरनेट कॉल के जरिए भारतीय व्यापारियों को धमकाकर वसूली की।
सोशल मीडिया पर भी वह सक्रिय था और हथियारों के साथ अपनी तस्वीरें साझा करता था। उसकी गिरफ्तारी और प्रत्यर्पण झारखंड पुलिस के लिए बड़ी सफलता मानी जा रही है।