इंदौर/ग्वालियर — सिविल जज की तैयारी कर रही अर्चना तिवारी की रहस्यमयी गुमशुदगी ने बीते 12 दिनों तक पुलिस और परिजनों को उलझाए रखा। अब सूत्रों के हवाले से खबर सामने आई है कि अर्चना को ग्वालियर जीआरपी पुलिस ने बरामद कर लिया है। हालांकि यह अभी साफ नहीं हो पाया है कि उन्हें कहां से बरामद किया गया। पुलिस ने कहा है कि जल्द ही पूरे मामले का खुलासा किया जाएगा।
रहस्यमयी गुमशुदगी की शुरुआत
7 अगस्त को अर्चना तिवारी इंदौर के सत्कार गर्ल्स हॉस्टल से रवाना हुई थीं। उन्होंने नर्मदा एक्सप्रेस के थर्ड एसी कोच (B3, बर्थ नंबर 3) का टिकट लिया था। आखिरी बार उनकी लोकेशन भोपाल और नर्मदापुरम के बीच मिली। इसके बाद अचानक उनका कोई पता नहीं चला। इसी बीच उनका बैग उमरिया रेलवे स्टेशन पर मिला, जिसने मामले को और रहस्यमय बना दिया।
पुलिस जांच और बड़ा खुलासा
ग्वालियर जीआरपी को जांच के दौरान अहम सुराग मिला। पता चला कि ग्वालियर के भंवरपुरा थाने में तैनात आरक्षक राम तोमर ने ही अर्चना का इंदौर से ग्वालियर तक का टिकट बुक कराया था। पूछताछ में राम तोमर ने यह स्वीकार किया कि टिकट उसी ने कराया था, लेकिन उसका दावा था कि अर्चना ने उस टिकट पर यात्रा नहीं की।
जांच में यह भी सामने आया कि ट्रेन यात्रा से पहले अर्चना और आरक्षक राम तोमर के बीच बातचीत हुई थी। इसी कारण पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर गहन पूछताछ शुरू कर दी।
बरामदगी से पहले सस्पेंस और अब नए सवाल
अर्चना की अचानक गुमशुदगी ने पुलिस और परिजनों को गहरी चिंता में डाल दिया था। कई आशंकाएं जताई जा रही थीं—क्या कोई हादसा हुआ? क्या वह किसी दबाव में थीं?
अब जबकि अर्चना को बरामद कर लिया गया है, नए सवाल खड़े हो रहे हैं—वह इतने दिनों तक कहां रहीं? उनका बैग उमरिया स्टेशन पर कैसे मिला? ट्रेन टिकट का सच क्या है? और इस पूरी कहानी में आरक्षक राम तोमर की क्या भूमिका है?
पुलिस का बयान: जल्द सामने आएगा पूरा राज़
जीआरपी और ग्वालियर पुलिस इस पूरे मामले पर फिलहाल चुप्पी साधे हुए हैं। अधिकारियों का कहना है कि अर्चना से पूछताछ चल रही है और बहुत जल्द पूरा सच सामने लाया जाएगा।