राजीव गांधी पंचायती राज संगठन के प्रदेश अध्यक्ष सुमित शर्मा और प्रदेश प्रवक्ता संतनू मिश्रा ने आज प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि राजीव गांधी पंचायती राज संगठन के द्वारा झारखंड में घट रहे वन, नदियों का जलस्तर पंचायती राज अधिनियम को पूर्ण रूप से लागू करने नगर निकाय चुनावों में पूर्व के भाजपा सरकार में तय किए गए उम्र और तीन बच्चों के प्रावधान को बदलने की मांग को लेकर भगवान बिरसा मुंडा के जन्मस्थली उलीहातू से बापू वाटिका मोराबाड़ी रांची तक के चार दिवसीय स्वराज पदयात्रा जन जागरण के उद्देश्य शुरू की गई है।व
न विभाग के आंकड़ों में झारखंड के कुल क्षेत्रफल का 29 प्रतिशत वन क्षेत्र दिखाया गया है। जबकि वास्तविकता यह है कि लगभग 20% भूमि पर जंगली बचे हैं ।शेष जमीन बंजर भूमि है। राष्ट्रीय वन नीति 1988 में कहा गया है की कुल क्षेत्रफल का 33% क्षेत्र वन छादित क्षेत्र होना चाहिए। झारखंड राज्य का निर्माण और इसके नाम दोनों में यह स्पष्ट है कि राज्य वन छादीत्य राज्य है। बावजूद इसके लगातार जंगलों की कटाई हो रही है नए पौधे नहीं लगाई जा रहे हैं वन विभाग के द्वारा इन विषयों पर उदासीन रवैया है। जिसका सीधा असर इस राज्य में रहने वाले आदिवासी और मूलवासी के जीवन पर पड़ रहा है ।वन अधिकार अधिनियम 2006 आम नागरिकों को अधिकार देता है कि वह अपना जीवन यापन अपने क्षेत्र के वन से पूरा करेंगे ।जब राज्य में जंगल ही नहीं बचेगा तो जंगल पर निर्भर रहने वाले आदिवासी और मूलवासी के जीवन में संकट होना तय है और आज इस राज्य में खनन और अवैध कटाई से जंगल समाप्त हो रहे हैं । यह यात्रा जिन क्षेत्रों से गुजरेगी उन क्षेत्रों में जंगल को बचाने पौधे लगाने नदियों और पहाड़ों को संरक्षित करने के लिए जन चेतना का भी निर्माण करेगी।
झारखंड में पेयजल एक बड़ी समस्या रही है हमारे राज्य में कोई बड़ी नदियां नहीं है जल जीवन मिशन के माध्यम से नदियों के भूगर्भ जल का दोहन हो रहा है लेकिन उसके संचय की कोई व्यवस्था नहीं की जा रही है। उसकी भी व्यवस्था सरकार को करनी चाहिए। पंचायती राज अधिनियम के माध्यम से राज्य में पैसा कानून 1996 पूर्ण रूप से लागू करना , पंचायती राज के जनप्रतिनिधियों को 73 वें और 74 वें संविधान संशोधन से प्रदत्त 29 विभागों के अधिकार मिले।
प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता संतनु मिश्रा ने कहा कि
नगर निकाय एवं पंचायत की स्वायत्तता बची रहे यह इस यात्रा का उद्देश्य है। नगर निकाय चुनाव के विसंगतियों को दूर करना जैसे 30 वर्ष की आयु सीमा से कम व्यक्ति के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चुनाव लड़ने पर पाबंदी को खत्म करना।
रघुवर सरकार के प्रावधान जिसमें 9 फरवरी 2013 के बाद जिस व्यक्ति के तीन बच्चे हो उन्हें चुनाव लड़ने से रोकना यह प्रतिनिधित्व के अधिकार का हनन है । पंचायती राज संगठन इस बात का विरोध करती है कि किसी भी व्यक्ति को उनके बच्चों के आधार पर या उसके उम्र सीमा के आधार पर चुनाव लड़ने से रोकना गलत है हम इस यात्रा के माध्यम से उपरोक्त मुख्य बिंदुओं पर जनता का ध्यान आकृष्ट कराते हुए एक वैचारिक निर्माण करने का प्रयास करेंगे । इन तमाम मांगों को लेकर यात्रा के समापन के बाद राज्य के राज्यपाल से मुलाकात कर ज्ञापन देंगे।