नई दिल्ली : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने मंगलवार को इस बात पर जोर दिया कि जल संसाधनों का संरक्षण और संवर्द्धन सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है। हमारी सक्रिय भागीदारी के बिना जल-सुरक्षित भारत का निर्माण संभव नहीं है।
राष्ट्रपति मुर्मु ने नई दिल्ली में केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय द्वारा घोषित नौ श्रेणियों में 38 विजेताओं की सम्मानित किया। सर्वश्रेष्ठ राज्य की श्रेणी में पहला पुरस्कार ओडिशा को, उत्तर प्रदेश को दूसरा और गुजरात और पुडुचेरी को संयुक्त रूप से तीसरा स्थान मिला है। प्रत्येक पुरस्कार विजेता को एक प्रशस्ति पत्र और एक ट्रॉफी के साथ-साथ कुछ श्रेणियों में नकद पुरस्कार भी दिए।
राष्ट्रपति ने कहा कि हम छोटे-छोटे प्रयासों से जल संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। उदाहरण के लिए, हमें अपने घरों के नल खुले नहीं छोड़ने चाहिए, इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि ओवरहेड वॉटर टैंक से पानी ओवरफ्लो न हो, घरों में जल संचयन की व्यवस्था करनी चाहिए और सामूहिक रूप से पारंपरिक जलाशयों का जीर्णोद्धार करना चाहिए।
राष्ट्रपति ने कहा कि पानी हर व्यक्ति के लिए एक बुनियादी आवश्यकता और मौलिक मानव अधिकार है। स्वच्छ जल तक पहुंच सुनिश्चित किए बिना स्वच्छ और समृद्ध समाज का निर्माण नहीं किया जा सकता। पानी की अनुपलब्धता और खराब स्वच्छता का वंचितों के स्वास्थ्य, खाद्य सुरक्षा और आजीविका पर अधिक प्रभाव पड़ता है।