आपने कई बार ये सुनो होगा कि किसी पर भूत का साया आ गया या किसी व्यक्ति में किसी मृत व्यक्ति की आत्मा आ गई। कई लोग इससे निजात पाने के लिए बाबाओं के चक्कर काटते रहते हैं
पर क्या सच में ऐसा होता है??
दरअसल ये एक मनोवैज्ञानिक बीमारी है जिसे Dissociative Identity Disorder (DID) कहते हैं। इसे पहले मल्टीपल पर्सनालिटी डिसऑर्डर और Split Personality Disorder कहा जाता था।
इस बीमारी में व्यक्ति के पास दो या अधिक अलग-अलग पहचानें होती हैं। “डिसोसिएट” का मतलब है अलग या विच्छिन्न होना DID से ग्रसित व्यक्ति कई अलग-अलग व्यक्तित्वों का अनुभव कर सकते हैं, जिन्हें आमतौर पर “Alters” कहा जाता है।
प्रत्येक पहचान के पास अलग-अलग व्यवहार, यादें, सोचने के तरीके, या भावनाएं हो सकती हैं। ये पहचान अलग-अलग लिंग, जातीयता और परिवेश के साथ बातचीत करने के तरीके को भी अपना सकते हैं।
ये पहचानें अलग-अलग समय पर व्यक्ति के व्यवहार को नियंत्रित कर सकती हैं। एक पहचान से दूसरी पहचान में यादें स्थानांतरित नहीं होती हैं, जिससे स्मृतिभ्रंश (Amnesia) हो सकता है। स्मृतिभ्रंश की उपस्थिति अक्सर DID के निदान के लिए महत्वपूर्ण लक्षण मानी जाती है। DID आपके दैनिक जीवन में कार्य करने की क्षमता में बाधा डालता है। यह आपके संबंधों, स्कूल या कार्यस्थल पर प्रदर्शन को प्रभावित कर सकता है।
ये विकार आपकी वास्तविकता से जुड़ने की क्षमता को प्रभावित करते हैं।
डिसोसिएटिव आइडेंटिटी डिसऑर्डर के प्रकार:-
DID के दो प्रकार (या रूप) होते हैं:-
1. Possession:- इसमें ऐसा होता है जैसे कि कोई बाहरी शक्ति या आत्मा आपके शरीर पर नियंत्रण कर रही हो। आप अलग तरीके से बोल या व्यवहार कर सकते हैं, जिसे दूसरों के लिए समझना आसान होता है। यह एक अवांछित पहचान होती है और व्यक्तित्व का स्विच करना अनैच्छिक होता है।
2. Non-possession:
इसमें मरीज़ अचानक से अपनी पहचान में बदलाव महसूस कर सकते हैं, जैसे कि आप खुद को एक फिल्म में देख रहे हैं (आउट-ऑफ-बॉडी एक्सपीरियंस) और अपने भाषण, भावनाओं या व्यवहार पर नियंत्रण नहीं कर पा रहे हैं।
DID के लक्षण: –
कम से कम दो पहचानें (व्यक्तित्व अवस्थाएँ) होती हैं, जो आपके व्यवहार, यादों, आत्म-धारणा और सोचने के तरीकों को प्रभावित करती हैं।
– दैनिक गतिविधियों, व्यक्तिगत जानकारी और आघातपूर्ण घटनाओं के बारे में स्मृतिभ्रंश या यादों में अंतराल होता है।
अलग-अलग पहचानें आपकी सामाजिक स्थिति या काम, घर या स्कूल में कार्य करने की क्षमता को प्रभावित करती हैं।
DID के साथ पाए जाने वाले अन्य मानसिक स्वास्थ्य लक्षण (जो हमेशा नहीं होते) में शामिल हो सकते हैं:
– चिंता (Anxiety)
– मिथ्या विश्वास (Delusions)
– अवसाद (Depression)
– स्वयं को नुकसान पहुँचाने की प्रवृत्ति (Self-harm)
– नशे की लत (Substance use disorder)
– आत्महत्या के विचार (Suicidal ideation)
DID का उपचार:- इसमें अवसाद और चिंता जैसे लक्षणों को ठीक करने के लिए दवाइयाँ दी जाती है और साथ ही साथ
मनोचिकित्सा (Psychotherapy), विशेष रूप से Cognitive Behavioral Therapy की मदद ली जाती है। अगर आप किसी भी ऐसे व्यक्ति को जानते हैं जिसमें ऐसे लक्षण हैं तो आप जल्द से जल्द उन्हें एक मनोचिकित्सक से इलाज कराने की सलाह दें।