शिमला : हिमाचल प्रदेश में हुई मूसलाधार वर्षा ने एक बार फिर लोगों की मुसीबतें बढ़ा दी हैं। शिमला, मंडी और कांगड़ा जिलों में भूस्खलन से कई सड़कों के अवरुद्ध होने से परिवहन व्यवस्था चरमरा गई है। जनजातीय जिलों किन्नौर और लाहौल-स्पीति में बर्फ गिरने से ब्लैकआउट की स्थिति है। सुखद बात यह है कि राज्य में फिलहाल बारिश-बर्फबारी का क्रम थमा हुआ है। राजधानी शिमला सहित अन्य शहरों में शनिवार को धूप खिली है। मौसम विभाग ने अगले छह दिन मानसून के कमजोर पड़ने से भारी बारिश की आशंका से इंकार किया है। आगामी 20 सितंबर तक राज्य में बारिश को लेकर किसी तरह का अलर्ट जारी नहीं किया गया है।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की रिपोर्ट के मुताबिक भूस्खलन से राज्य में एक नेशनल हाइवे और 155 सड़कें ठप हैं। किन्नौर जिला के मलिंग नाला के पास नेशनल हाइवे-पांच पूरी तरह ठप है। शिमला जिला में 94 सड़कों पर वाहनों की आवाजाही थमी हुई है। अकेले जुब्बल उपमण्डल में 61 सड़कें बंद हैं, जबकि रोहड़ू में 16 और कोटखाई में 13 सड़कें बंद पड़ी हैं। मंडी जिला में 46, कांगड़ा में 10, कुल्लू में तीन और सिरमौर में एक सड़क बाधित है। राज्य में बारिश-बर्फबारी से 383 बिजली ट्रांसफार्मर खराब हो गए हैं। जनजातीय जिलों किन्नौर और लाहौल स्पीति के कई गांवों में ब्लैकआउट है। किन्नौर में 139 और लाहौल-स्पीति के स्पीति उपमण्डल में 124 ट्रांसफार्मर बंद हैं। मंडी जिला में 103, कुल्लू में 13 और चम्बा में चार ट्रांसफार्मरों के बंद रहने से बिजली गुल है।