कोलकाता : पश्चिम बंगाल सरकार ने दुष्कर्म विरोधी बिल को विधानसभा में पेश करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसके तीन सितंबर को विधानसभा में पेश किए जाने की संभावना है। विधानसभा सचिवालय के एक अधिकारी के अनुसार, बिल का मसौदा को तैयार करने के निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं। पश्चिम बंगाल विधानसभा का विशेष सत्र दो सितंबर से शुरू होगा।
उल्लेखनीय है कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की घटना की पृष्ठभूमि में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शुरू से ही आरोपित को फांसी देने की मांग करती रही हैं। तृणमूल छात्र दिवस के स्थापना दिवस के मंच से भी उन्होंने इस मांग को दोहराया। कैबिनेट बैठक में इस बिल को लाने के फैसले पर अंतिम सहमति दी गई है। बैठक के बाद बिल पेश करने की तारीख तय की गई।
ममता बनर्जी ने कहा है, “मैं अगले हफ्ते अध्यक्ष से कहकर सत्र बुलाऊंगी। हम पश्चिम बंगाल विधानसभा की तरफ से अगले दस दिनों के भीतर ‘दुष्कर्मियों को फांसी’ के पक्ष में इस बिल को पास करके राज्यपाल के पास भेजेंगे।” उन्होंने राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए कहा, “मैं जानती हूं कि राजा की नीति क्या है। राजाबाबू कुछ नहीं करेंगे। अगर नहीं किया तो महिलाएं राजभवन के सामने घंटों तक बैठेंगी। इस बिल पर हस्ताक्षर करने होंगे। राज्यपाल राष्ट्रपति के पास भेजकर अपना दायित्व पूरा नहीं कर सकते हैं।”