Friday, September 19, 2025
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बीडीओ और बीपीओ के द्वारा लाखों रुपए गबन करने के खिलाफ जिप सदस्य ने किया धरना प्रदर्शन

लातेहार : प्रखंड कार्यालय परिसर के सामने पश्चिम क्षेत्र के जिला परिषद सदस्य बलवंत सिंह ने मनरेगा प्रशासनिक मद के लाखों रुपए बीडीओ और बीपीओ के द्वारा गबन करने के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया। वहीं जिप सदस्य बलवंत सिंह ने बताया कि प्रखंड विकास पदाधिकारी मनिका मनोज कुमार तिवारी के हस्ताक्षर से समान खरीदने के नाम पर मनरेगा प्रशासनिक मद की 14 लाख 68 हजार 541 रूपए अवैध तरीके से निकालकर गबन कर लिया गया है। जब इस विषय पर नाजीर व बीपीओ से बात किया तो वे कुछ भी बताने से साफ इंकार कर दिए। उन्होंने बताया कि मनरेगा के द्वारा संचालित योजनाओं के मेंटेन व फाइल खरीदने के नाम पर 14 लाख 68 हजार 541 रुपए का अवैध निकासी किया गया है जो बिल्कुल गलत है इसमें कहीं कोई सत्यता नहीं है क्योंकि मनरेगा कर्मी जो रैकड़ तैयार करते हैं उसे योजना के लाभुक स्वयं अपने निजी पैसे से खरीदते हैं। उन्होंने कहा कि मनिका प्रखंड कार्यालय में बीडीओ के मिली भगत से मनरेगा कर्मियों को लूट की छूट मिली हुई है यहां गरीबों का काम बिना पैसा दिए बिल्कुल भी नहीं हो रहा है बीडीओ और बीपीओ दोनों मिलकर मनरेगा के लाखों रुपए गबन कर लिए और डकार तक नहीं लिया इस भ्रष्टाचार के खेल में मनरेगा कर्मी, बीडीओ व जिला के मनरेगा कर्मी भी मिले हुए हैं तभी तो इस मामले को लेकर आज तक जांच शुरू नहीं की गई और ना ही मामले में शामिल अधिकारियों पर कोई कार्रवाई हुई है सभी लोग मिलकर पूरे मामले में लीपापोती करने में लगे हुए हैं उन्होंने कहा कि ऐसा बिल्कुल भी नहीं चलेगा जब तक मनरेगा प्रशासनिक मत की राशि गबन करने वाले अधिकारियों के ऊपर कारवाई नहीं होती है तब तक हम लोग चुप नहीं रहेंगे। श्री सिंह ने कहा कि मेरे द्वारा 3 जून को मुख्यमंत्री व लातेहार डीसी को आवेदन देकर मामले से अवगत कराया गया था लेकिन 25 दिन बीत जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई है जिसके कारण आज हम लोग धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं जब लाभुकों से बात करके बीपीओ के द्वारा पैसे लेने की मामले को जानने का प्रयास किया गया तो कूप योजना के लाभुक व जेरुआ वार्ड सदस्य अनिल सिंह ने बताया कि बीपीओ के द्वारा हम लोगों से 5 परसेंटेज की मांग की जाती है और काम होने से पहले पैसा देना पड़ता है अगर पैसा नहीं देते हैं तो हम लोगों को टाल बेटाल करके दौड़या जाता है पैसे देने के बाद ही हम लोगों का काम होता है। मौके पर नाम नहीं बताने के शर्त पर कई लाभुकों ने बताया कि वर्तमान बीपीओ के द्वारा रोजगार सेवक के माध्यम से योजनाओं में पैसे की उगाही करवाई जाती है अगर कोई लाभुक बीपीओ को 5% नहीं देता है तो उसका काम नहीं होता है लाभुक को मजबूरन पैसे देने ही पड़ते हैं तब जाकर उसका काम होता है। वहीं मामले के विषय में जानकारी के लिए जब वर्तमान बीपीओ केतन गुप्ता से दूरभाष के माध्यम से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो कई बार कॉल करने के बाद भी केतन गुप्ता ने फोन नहीं उठाया।

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