मेरठ : मेरठ-हापुड़ लोकसभा सीट पर समाजवादी पार्टी ने तीन बार टिकट की अदलाबदली की। इससे उसे सियासी लाभ हुआ या नहीं, लेकिन सपा नेताओं के बीच ही घमासान मच गया है। सुनीता वर्मा द्वारा नामांकन दाखिल करने जाते समय अपनी अनदेखी से सपा जिलाध्यक्ष विपिन चौधरी नाराज हो गए।
मेरठ में समाजवादी पार्टी के बीच कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है। पिछले निकाय चुनाव के समय से ही सपा नेताओं के बीच घमासान छिड़ा हुआ है। अब टिकट की तीन बार अदला-बदली से यह खींचतान चरम पर पहुंच गई है। महापौर चुनाव में सपा ने सरधना विधायक अतुल प्रधान की पत्नी पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष सीमा प्रधान को टिकट दिया था। इसके बाद सपा के मुस्लिम विधायक रफीक अंसारी, शाहिद मंजूर समेत तमाम मुस्लिम नेता नाराज हो गए और मुस्लिम मतदाताओं ने असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम के उम्मीदवार अनस को जमकर मतदान किया। इसका परिणाम रहा कि सपा उम्मीदवार मेरठ में तीसरे नंबर पर पहुंच गई और भाजपा के हरिकांत अहलूवालिया चुनाव जीत गए।
अतुल प्रधान पर मनमानी करने के आरोप लगे थे। ऐसी ही स्थिति लोकसभा चुनाव में टिकट को लेकर आ गई है। पहले भानुप्रताप सिंह का टिकट कटवाने के लिए सपा के सभी दिग्गजों ने लखनऊ में डेरा डाल दिया। जब अतुल प्रधान को उम्मीदवार घोषित कर दिया तो सपा के अन्य दिग्गज एकजुट हो गए। उन्होंने अतुल प्रधान की मनमानी और दलित उम्मीदवार का टिकट काटकर दलित को ही टिकट देने की मांग पार्टी आलाकमान से कर दी। जिस पर अतुल का टिकट काटकर सपा ने पूर्व महापौर सुनीता वर्मा को उम्मीदवार घोषित कर दिया।