Monday, October 14, 2024
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शिक्षा में समाज को बदलने की सबसे बड़ी ताकत : कुलपति डॉ. सिंह

बोकारो : ‘शिक्षा का उद्देश्य केवल एक शिक्षित व्यक्ति तैयार करना ही नहीं, बल्कि समाज को अज्ञानता और समस्याओं के अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाना है। शिक्षा में समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने की सबसे बड़ी ताकत होती है। यह हमें जियो और जीने दो की प्रेरणा देता है।’ यह कहना है झारखंड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. डी के सिंह का। डॉ. सिंह शनिवार को डीपीएस बोकारो में पांचवीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए आयोजित दीक्षांत सम्मान समारोह (ग्रेजुएशन सेरेमनी) को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।

प्राथमिक कक्षाओं में किए गए बच्चों के परिश्रम को स्मरणीय बनाने तथा उन्हें प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से आयोजित इस समारोह में ग्रेजुएशन गाउन पहने लगभग 250 विद्यार्थियों को विधिवत ग्रेजुएट कैप और लाल फीते में लपेटा सर्टिफिकेट व रिपोर्ट कार्ड देकर सम्मानित किया गया। कुलपति डॉ. सिंह ने मिसाइल मैन डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की पंक्ति ‘सपने वो नहीं, जो आप नींद में देखते हैं, सपने वो हैं जो आपको नींद नहीं आने देते’ उद्धृत करते हुए बच्चों को सदैव ऊंचे स्वप्न देखने और उसे पूरा करने के लिए जुनूनी बनने की प्रेरणा दी। यह भी कहा कि बच्चे अपने अभिभावक को अपना सबसे अच्छा मित्र बनाएं। उनके अनुभवों का लाभ लें। तकनीक व डिजिटल क्रांति के सकारात्मक पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने अभिभावकों को अपनी निगरानी में बच्चों द्वारा इसके सही इस्तेमाल का संदेश दिया। इसके अलावा संपूर्ण व्यक्तित्व विकास के लिए उन्होंने बच्चों की खेल में सहभागिता पर विशेष जोर दिया। बच्चों से कहा कि आप देश के सर्वश्रेष्ठ संस्थानों में से एक डीपीएस बोकारो में हैं, इसका लाभ उठाएं। उन्होंने शिक्षकों से बच्चों की जिज्ञासाएं शांत करने की अपील भी की।

इस अवसर पर विद्यालय के प्राचार्य डॉ. ए एस गंगवार ने कहा कि डीपीएस बोकारो प्रारंभिक कक्षाओं से ही बच्चों को ऐसी शिक्षा प्रदान करता है जिससे कि उनका समग्र विकास हो सके। सम्मानित किए गए बच्चों के लिए इस अवसर को मील का पत्थर बताते हुए प्राचार्य ने उनके उज्जवल भविष्य की कामना की तथा उन्हें सच्ची सफलता के लिए सदाचारी, कृतज्ञ, विनम्र और कठिन परिश्रमी बनने की प्रेरणा दी। बच्चों के संपूर्ण व्यक्तित्व विकास की दिशा में उन्होंने अभिभावकों की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया।इसके पूर्व, विद्यार्थियों ने मुख्य अतिथि डॉ. सिंह एवं विशिष्ट अतिथि उनकी सहधर्मिणी श्रीमती सरिता सिन्हा का पौधा भेंटकर स्वागत किया गया और दीप-प्रज्वलन से समारोह की शुरुआत हुई।

तदुपरांत विद्यालय के नन्हे छात्र-छात्राओं ने अपनी मनोहारी सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। स्वागत गान ‘आओ गाएं शुभ गान…’ व विद्यालय गीत ‘आया है नया सवेरा…’ के बाद राजस्थानी लोक-नृत्य से उन्होंने सभी की भरपूर सराहना पाई। आरंभ है प्रचंड, बोले मस्तकों के झुंड गीत पर उनका प्रेरणाप्रद नृत्य विशेष आकर्षण रहा। समारोह के दौरान प्राचार्य डॉ. गंगवार ने मुख्य अतिथि को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। पूरे आयोजन के दौरान बच्चों का उत्साह देखते ही बन पड़ रहा था। होलियाना थीम पर विद्यालय परिसर की साज-सज्जा और रंग-बिरंगे गुब्बारों की सजावट आकर्षण का केंद्र रही। बच्चों और उनके अभिभावकों ने सेल्फी प्वाइंट में खूब तस्वीरें खींची और खिंचवाईं। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान से हुआ।

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