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कोल कल्याण समिति गिरिडीह की ओर से विजय दिवस धूमधाम से मनाया गया
गिरिडीह : जिला कोल कल्याण समिति गिरिडीह की ओर से सोमवार को सदर प्रखंड अंतर्गत माथाडीह में विजय दिवस धूमधाम से मनाया गया। इसके पूर्व समाज के लोग अपनी मांगों को लेकर झंडा मैदान में एकजुट होकर पारंपरिक वेशभूषा और अस्त्र-शस्त्र के साथ शहरी क्षेत्र के विभिन्न मार्गों का भ्रमण करते हुए कोल जाति को आदिम जनजाति का दर्जा देने, कोल जाति के लिए कोल प्राधिकरण आयोग का गठन करने, समाज पर हो रहे अत्याचार को बंद करने, हड़पे गए जमीन को वापस करने, कोल जाति शिक्षा पर विशेष ध्यान देने, 1932 खतियान लागू करने की मांग सरकार से करते हुए माथाडीह पहुंची।

यहां एक कार्यक्रम आयोजित किया गया । इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर झारखंड के प्रथम मुख्यमंत्री सह भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी विशिष्ट अतिथि के तौर पर नुनु लाल मरांडी अशोक उपाध्याय सिकंदर हेंब्रम एवं अन्य गणमान्य लोगों की उपस्थिति रही। मुख्य अतिथि समेत तमाम अधिकारियों का स्वागत फूल माला पहनाकर और बुके देकर किया गया। इसके बाद अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत की। सबसे पहले चांदो लिलोरी पूर्वजों के चित्र पर माल्यार्पण किया गया। इसके बाद अन्य कार्यक्रम किया गया। इस बाबत लोगों को संबोधित करते हुए बाबूलाल मरांडी ने कहा कि कोल समाज को आदिवासी सूची में मेरे ही मुख्यमंत्री के कार्यकाल में ही शामिल किया गया था। कहा कि इन समाज की जितनी मांग है उस पर विचार और मंथन कर सरकार तक पहुंचाई जाएगी। कहां की आदिवासी समाज के लोगों ने अलग राज्य का दर्जा दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। समाज के अध्यक्ष गणेश कोल्ह ने कहा की 8 जनवरी 2003 को हम लोगों को आदिवासी समाज में दर्जा मिला था हम लोगों का मुख्य आदिमजनजाति का दर्जा देने का है। इसके लिए संघर्ष जारी है। मौके पर रमेश कोल सरयू कोल राजेश कोल समेत सैकड़ो समाज के लोग मौजूद थे।