Thursday, November 21, 2024
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शिक्षा केवल रोजगार पाने भर नही बल्कि नैतिक मूल्यों और संस्कृति का उत्थान प्रमुख होना चाहिए

बोकारो- बोकारो नगर के सेक्टर 3 स्तिथ सरस्वती विद्या मंदिर में आयोजित दो दिवसीय प्रांतीय सांस्कृतिक महोत्सव सह प्रश्न मंच का आयोजन हुआ। कार्यक्रम की शुभारंभ उपायुक्त ने द्वीप प्रज्वलित कर किया। अपने संबोधन में उंन्होने कहा कि देश की एकमात्र संस्था विद्या भारती द्वारा संचालित विद्यालयों में एक जैसी शिक्षा के साथ-साथ छात्रों में संस्कृति, अनुशासन और संस्कार की झलक एक साथ देखने को मिलती है।

आज शिक्षा केवल रोजगार का माध्यम बनकर रह गया है, शिक्षा का मतलब सिर्फ इतना ही नहीं। शिक्षा का मुख्य उद्देश्य मानव के नैतिक मूल्यों और संस्कृति का उत्थान प्रमुख होना चाहिए। पूरे प्रदेश भर से करीब 1200 भैया- बहनों (छात्र-छात्रा) ने इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया।

विभिन्न विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने अपने प्रदर्शय एव नाट्य मंचन से मौजूद लोगों को त्रेता युग, सत्ययुग तथा कलयुग से परिचिति कराया। साथ ही पाठकों के लिए सभी युग के साहित्य भी उपलब्ध कराए। विद्यालय का यह वातावरण आज हमारी लुप्तप्राय हो चुके गुरुकुल शिक्षा प्रणाली से भी अवगत करता प्रतीत हुआ। हमारे देश मे गुरुकुल शिक्षा पद्धति एक ऐसी शिक्षा पद्धति थी, जिसमे विद्यर्थियों का सर्वागीण विकास होता था। लेकिन समाज में धीरे यह पद्धति विलुप्त हो चुका है। आज ज़रूरत है कि हम बच्चों को ऐसी शिक्षा दें, ज़िससे उनमें नैतिक एव चारित्रिक विकास हो, आज विद्या भारती संस्था विभिन्न विद्यालयों के माध्यम से ऐसे ही प्रयास में जुटा है।

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