Sunday, December 22, 2024
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छात्रों की संख्या बढ़ने पर सरकार ने 56 स्कूलों को दोबारा खोला

चंडीगढ़ : हरियाणा के स्कूलों के अध्यापकों को गैर शैक्षणिक कार्यों से मुक्ति नहीं मिलेगी। अध्यापकों को समय-समय पर वोट बनाने, जनगणना, वोटिंग डयूटी आदि जैसे कार्य करने होंगे। इसे लेकर प्रदेश सरकार कोई भी पॉलिसी नहीं बना सकी है।

प्रदेश में पिछले 177 दिनों से चल रहे अध्याक संघ के क्रमिक अनशन के बाद गुरुवार को चंडीगढ़ में शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल की अध्यापक संगठनों के साथ बैठक हुई। बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल, निदेशक सेकेंडरी अंशज सिंह, मौलिक निदेशक आरएस ढिल्लों, संयुक्त एवं अतिरिक्त निदेशक सतपाल शर्मा, नीरज शर्मा, विजय यादव सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

दूसरी तरफ अध्यापक संघ की तरफ से महासचिव प्रभु सिंह, धर्मेंद्र ढांडा, संजीव सिंगला, चिरंजी लाल, कृष्ण नैन शामिल रहे। बैठक में सरकार की तरफ से बताया कि विद्यार्थियों के अभाव में 102 मिडिल स्कूलों को बंद किया गया था, लेकिन विद्यार्थियों की संख्या बढऩे पर 56 स्कूलों को दोबारा खोल दिया गया है। यही नियम अन्य स्कूलों के लिए भी लागू होगा।

बैठक में यह सहमति बनी की अभी जेबीटी अध्यापकों के लिए शुरू किया गया तबादला अभियान जारी रहेगा। नए शिक्षा सत्र के शुरू होने पर सीएंडवी के अंतर जिला तबादले करवाए जाएंगे। बैठक में बच्चों के आधार कार्ड को लेकर चल रहे विवाद को समाप्त करते हुए अधिकारियों ने साफ किया कि स्कूलों में दाखिले के लिए पीपीपी और आधार की अनिवार्यता नहीं है।

अध्यापक बिना आधार वाले बच्चों का दाखिला कर अपने जिले के अधिकारियों को लिखित में सूचित करेंगे ताकि वह उनका आधार कार्ड बनवाने का प्रबंध करेंगे। एमआईएस पर चढ़ाने के लिए दूसरे राज्यों से आए हुए माईग्रेट छात्रों का टेंपररी पीपीपी विभाग बनाएगा।

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