रांची : आईजी अभियान सह पुलिस प्रवक्ता एवी होमकर ने बुधवार को रांची स्थित पुलिस मुख्यालय में बताया कि वर्ष 2022 और 2023 में सुरक्षा बलों की ओर से कुल 745 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया। इनमें तीन स्पेशल एरिया कमेटी के सदस्य, एक रीजनल कमेटी के सदस्य, 10 जोनल कमांडर, 16 सब जोनल कमांडर और 25 एरिया कमांडर शामिल थे जबकि पुलिस मुठभेड़ में 20 नक्सली मारे गए।
चतरा जिला पुलिस के जरिये सबसे अधिक भाकपा माओवादी नक्सली को मुठभेड़ में मार गिराया गया था। इनमें भाकपा माओवादी के 25 लाख के इनामी नक्सली सैक सदस्य गौतम पासवान, अजीत उरांव और पांच लाख के इनामी नक्सली सब जोनल कमांडर अमर गंझू और सब जोनल कमांडर अजय यादव (कुल 60 लाख के इनामी माओवादी एक साथ पुलिस मुठभेड़ में मारे गये) शामिल थे। इसके अलावा गुमला जिले में नक्सली सब जोनल कमांडर लाजिम अंसारी (5 लाख का इनामी) पुलिस मुठभेड़ में मारा गया।
वर्ष 2022-23 में 38 नक्सलियों ने पुलिस के बढ़ते दबिश एवं राज्य सरकार की पुनर्वास एवं आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित होकर आत्मसमर्पण किया। इनमें स्पेशल एरिया कमेटी के एक सदस्य विमल यादव, रीजनल कमेटी के तीन सदस्य अमन गंझू, दुर्योधन महतो व इंदल गंझू, चार जोनल कमांडर, नौ सब जोनल कमांडर और 10 एरिया कमांडर शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि इस दौरान में सुरक्षा बलों के जरिये नक्सलियों से लेवी के रूप में वसूले गये। 1.10 करोड़ रुपये बरामद किये गये। साथ ही अंदरूनी इलाकों में सुरक्षा बलों द्वारा इस अवधि में कुल 26 नये कैंप स्थापित किये गये, जिससे इस इलाकों में सुरक्षा की भावना बढ़ी है।
उन्होंने बताया कि राज्य में क्रियाशील अन्य उग्रवादी संगठनों पर भी प्रभावी कार्रवाई की गयी है और परिणामस्वरूप पीएलएफआई का सुप्रीमो दिनेश गोप उर्फ कुलदीप की गिरफ्तारी भी एनआईए के जरिये की जा चुकी है। नक्सली काण्डों में तार्किक निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए गुणवत्तापूर्ण अनुसंधान एवं यूएपीए के तहत नक्सलियों के खिलाफ समयबद्ध तरीके से अभियोजन चलाने सहित यह भी सुनिश्चित करने का प्रयास किया जा रहा है कि आत्मसमर्पित नक्सली पुनः अपने संगठन में नहीं लौट सके।
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार के गृह सचिव ने वामपंथी उग्रवाद के उन्मूलन की दिशा में झारखंड के प्रशासनिक एवं पुलिस पदाधिकारियों के जरिये किये गये कार्यों की सराहना की है। झारखंड के डीजीपी अजय कुमार सिंह के नेतृत्व में नक्सलियों के विरुद्ध चौतरफा संयुक्त अभियान झारखंड पुलिस, सीआरपीएफ, कोबरा, झारखंड जगुआर के साथ चलाया जा रहा है।