रांची : इस प्रेस वार्ता के माध्यम से पूर्व कृषि मंत्री रहे रणधीर सिंह ने कहा कि कृषि पशुपालन और सहकारिता विभाग को वर्तमान राज्य सरकार ने लूट का चारा का बना दिया है | डबल इंजन की सरकार ही झारखंड का विकास कर सकती है झारखंड सरकार के द्वारा कृषि विभाग के उपलब्धियां का झूठा बखान किया जा रहा है कृषि पशुपालन और सहकारिता विभाग के मामले में हेमंत सरकार के 4 साल को देखा जाए तो पूर्व की रघुवर सरकार ने जो रोड में तैयार किया था | इस सरकार ने कई योजनाओं को बंद कर दिया तो कई का स्वरूप बदलने का काम किया गया है कृषि विभाग में मात्र 28% पशुपालन में मात्र 8% थी राशि खर्च हो पाया है | वहीं कोऑपरेटिव में खाते में सिर्फ पैसा डाला गया है खर्च नहीं हुआ है आंकड़ों की बाजी गिरी की गई है भारत सरकार द्वारा किसानों के लिए चलाई जा रही 23 स्कीम में इसमें राज्य सरकार का भी अंशदान होता है | उसमें खर्च जीरो है राज्य सरकार के स्तर से चलाई जाने वाली 65 योजनाओं का भी हाल करता है इन सभी विषय बिंदुओं को देखते हुए समझा जा सकता है | कि हेमंत सरकार किसानों की कितनी हितेषी है वहीं पशुपालन विभाग की बात की जाए तो गोपालन,मछली उत्पादन, फूड प्रोसेसिंग, दूध उत्पादन आदि में भी रघुवर सरकार से वर्तमान राज्य सरकार फिसड्डी साबित हुई है | वही इन सबों में रघुवर सरकार के किए गए कार्य का शेय वर्तमान राज्य सरकार विभागीय तौर पर ले रही है |
वहीं भाजपा मुख्य संचेतक शहर राजमहल के विधायक अनंत ओझा ने कहा कि सरकार की नियति और नियत कुछ भी स्पष्ट नहीं है | राज्य सरकार रोना रोती है कि भारत सरकार द्वारा राज्य को राशि नहीं दी जाती है वहीं दूसरी और लिखित तौर पर स्वीकृत है कि वह केंद्र सरकार द्वारा मिली हुई राशि को खर्च नहीं कर पाती केंद्र सरकार की अधिकांश योजनाओं से इस सरकार ने राज्य के किसानों को जनता को उपेक्षित करने का काम किया है | राज्य सरकार द्वारा काटी पर कर्म का हवाला देकर भूमि अभिलेख का सत्यापन नहीं होने से लगभग 8 लाख 49 हजार 61 किसानों को प्रधानमंत्री की शान सम्मान निधि का लाभ से वंचित होना पड़ा है |