मनरेगा में बदलाव को लेकर ग्रामीण विकास मंत्री का केंद्र पर तीखा हमला
Highlights :
- मनरेगा का नाम बदलने पर कोई आपत्ति नहीं: दीपिका पांडे सिंह
- गरीबों के रोजगार और रोटी से समझौता नहीं होगा
- मनरेगा में बदलाव के दूरगामी और गंभीर परिणाम की चेतावनी
- खेती-मजदूरी पर निर्भर लाखों लोगों के अधिकारों की लड़ाई का ऐलान
विस्तार:
रांची- झारखंड सरकार की ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडे सिंह ने मनरेगा (MGNREGA) में प्रस्तावित बदलावों को लेकर केंद्र सरकार पर कड़ा हमला बोला है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि मनरेगा का नाम बदलकर VB-G RAM G कर देने से उन्हें कोई आपत्ति नहीं है, बल्कि व्यंग्यात्मक लहजे में यह भी कहा कि “आप चाहें तो नाम गोडसे भी रख दें, हमें आपत्ति नहीं”।
गरीबों की रोटी पर नहीं हो सकता समझौता
दीपिका पांडे सिंह ने कहा कि उनकी सबसे बड़ी चिंता गरीबों की रोटी और रोजगार को लेकर है। उन्होंने दो टूक कहा कि किसी भी सूरत में गरीबों से उनका हक नहीं छीना जाना चाहिए। मनरेगा ने देश ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में रोजगार के अधिकार को पहचान दिलाई है और इसमें किसी भी तरह का कमजोर करने वाला बदलाव गंभीर परिणाम ला सकता है।
मनरेगा में बदलाव से होंगे गंभीर प्रभाव
ग्रामीण विकास मंत्री ने चेतावनी दी कि जिस तरह इस योजना में बदलाव की कोशिश की जा रही है, उसके दूरगामी और खतरनाक प्रभाव होंगे। इसे देखते हुए राज्य सरकार और कांग्रेस पार्टी मिलकर एक ठोस रणनीति तैयार कर रही है, ताकि गरीब, मजदूर और किसान के हितों की रक्षा की जा सके।
मेहनतकशों के अधिकारों की लड़ाई जारी रहेगी
दीपिका पांडे सिंह ने कहा कि खेती और मजदूरी पर निर्भर लाखों मेहनतकश लोग और बहनें हैं, जिनके अधिकारों की रक्षा करना सरकार और पार्टी की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वजों ने जिस रास्ते पर चलकर अधिकारों की लड़ाई लड़ी, उसी रास्ते पर चलते हुए यह संघर्ष पूरी ताकत और प्रतिबद्धता के साथ जारी रहेगा।
