ढाका के एवरकेयर (अपोलो) अस्पताल में लंबी बीमारी के बाद हुआ निधन, देश में शोक की लहर
Highlights:
- बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री और BNP चेयरपर्सन बेगम खालिदा जिया का निधन
- 30 दिसंबर 2025 को सुबह 6 बजे ढाका में ली अंतिम सांस
- दिल, फेफड़े, किडनी सहित कई गंभीर बीमारियों से थीं पीड़ित
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई नेताओं ने जताया शोक
- बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री थीं खालिदा जिया
विस्तार :
लंबी बीमारी के बाद निधन
नई दिल्ली/ढाका- बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) की चेयरपर्सन बेगम खालिदा जिया का मंगलवार तड़के निधन हो गया। वह 80 वर्ष की थीं। पार्टी की ओर से जारी बयान के अनुसार, उन्होंने 30 दिसंबर 2025 को सुबह 6 बजे, फज्र की नमाज के तुरंत बाद, ढाका के एवरकेयर (पूर्व अपोलो) अस्पताल में अंतिम सांस ली।
23 नवंबर से अस्पताल में थीं भर्ती
खालिदा जिया को 23 नवंबर 2025 को दिल और फेफड़ों में संक्रमण की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बीते 36 दिनों से उनका इलाज विशेषज्ञ डॉक्टरों की एक मेडिकल बोर्ड की निगरानी में चल रहा था। इस बोर्ड में बांग्लादेश के साथ-साथ यूके, अमेरिका, चीन और ऑस्ट्रेलिया के विशेषज्ञ शामिल थे।
कई गंभीर बीमारियों से जूझ रहीं थीं
खालिदा जिया लंबे समय से लिवर सिरोसिस, डायबिटीज, गठिया, किडनी, दिल, फेफड़े और आंखों से जुड़ी गंभीर बीमारियों से पीड़ित थीं। जून 2024 में उनकी हार्ट पेसमेकर सर्जरी भी हुई थी। उनकी नाजुक हालत को देखते हुए विदेश में इलाज की कोशिश की गई, लेकिन यह संभव नहीं हो सका।
प्रधानमंत्री मोदी ने जताया शोक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर शोक व्यक्त करते हुए लिखा—
“ढाका में पूर्व प्रधानमंत्री और BNP चेयरपर्सन बेगम खालिदा जिया के निधन से अत्यंत दुखी हूं। उनके परिवार और बांग्लादेश की जनता के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं। बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री के रूप में उनके योगदान और भारत-बांग्लादेश संबंधों में उनकी भूमिका को हमेशा याद रखा जाएगा।”

कौन थीं खालिदा जिया?
- जन्म: 15 अगस्त 1945, जलपाईगुड़ी (अब पश्चिम बंगाल, भारत)
- पति: बांग्लादेश के पूर्व राष्ट्रपति जिया उर रहमान
- राजनीतिक सफर की शुरुआत पति की 1981 में हत्या के बाद
- 1984 में BNP की चेयरपर्सन बनीं
दो बार बनीं प्रधानमंत्री
खालिदा जिया ने 1991 से 1996 और फिर 2001 से 2006 तक बांग्लादेश के प्रधानमंत्री पद की जिम्मेदारी संभाली। वह बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री और मुस्लिम दुनिया की दूसरी महिला प्रधानमंत्री थीं।
जेल, विवाद और रिहाई
2018 में उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे और उन्हें जेल जाना पड़ा। स्वास्थ्य कारणों से बाद में उन्हें रिहा किया गया। 6 अगस्त 2025 को राष्ट्रपति की विशेष शक्ति के तहत उनकी सजा माफ कर दी गई थी।
देश में शोक की लहर
खालिदा जिया के निधन से बांग्लादेश में शोक की लहर है। राजनीतिक दलों, सामाजिक संगठनों और अंतरराष्ट्रीय नेताओं ने उनके निधन पर गहरा दुख जताया है।बेगम खालिदा जिया का निधन न सिर्फ बांग्लादेश, बल्कि दक्षिण एशिया की राजनीति के लिए भी एक युग के अंत के रूप में देखा जा रहा है।
