गीता जयंती पर विशेष कथा, भजन-कीर्तन और दीप प्रज्वलन; भक्तों ने ली धर्म और कर्तव्य पालन की सीख
Highlights:
- सिरसिया के कबीर ज्ञान मंदिर में दो दिवसीय भव्य गीता जयंती समारोह
- मां ज्ञान ने गीता के उपदेशों और श्रीकृष्ण की लीलाओं का किया वर्णन
- सैकड़ों श्रद्धालु शामिल हुए, भजन-कीर्तन से गूंजा पूरा मंदिर परिसर
- फूलों और झालरों से सजे मंदिर में बना आध्यात्मिक माहौल
- आयोजन समिति ने कहा—“उद्देश्य समाज में आध्यात्मिक जागरूकता बढ़ाना”
विस्तार
गिरिडीह- सिरसिया स्थित कबीर ज्ञान मंदिर में सोमवार को श्रीमद् भगवद् गीता जयंती समारोह श्रद्धा, भक्ति और आध्यात्मिक उल्लास के बीच धूमधाम से मनाया गया। सुबह से ही मंदिर परिसर में भक्तों का तांता लग गया और पूरा वातावरण गीता के उपदेशों और भजन-कीर्तन से गूंज उठा।
मां ज्ञान ने सुनाया गीता का दिव्य संदेश
समारोह की शुरुआत मां ज्ञान द्वारा मंगलाचरण से हुई। उन्होंने भक्तों को श्रीकृष्ण की लीलाओं और गीता के शाश्वत उपदेशों का भावपूर्ण वर्णन सुनाया। मां ज्ञान ने कहा—“श्रीमद् भगवद् गीता जीवन के हर क्षेत्र में मार्गदर्शन देती है। यह आत्मसंयम, धर्म, कर्तव्य और सत्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती है।”
सैकड़ों श्रद्धालु हुए शामिल
सिरसिया सहित आसपास के कई इलाकों से सैकड़ों श्रद्धालु गीता जयंती मनाने पहुंचे। भक्तों ने अनुशासित वातावरण में कथा का श्रवण किया और भजन-कीर्तन में भाग लेकर भक्ति रस में डूबे रहे।भजन मंडली की प्रस्तुतियों से पूरा मंदिर परिसर दिव्यता से भर उठा।
मंदिर हुआ जगमग — फूलों और झालरों से सजाया गया परिसर
गीता जयंती के अवसर पर मंदिर को खूबसूरत फूलों, रंगीन झालरों और आकर्षक रोशनी से सजाया गया था। मंदिर में दीप प्रज्वलन कर श्रद्धालुओं ने भगवान श्रीकृष्ण से सुख, शांति और कल्याण की कामना की।
समिति ने बताया आयोजन का उद्देश्य
आयोजन समिति के सदस्य सिद्धार्थ ने बताया कि हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी गीता जयंती समारोह का उद्देश्य समाज में आध्यात्मिक जागरूकता फैलाना और श्रीमद् भगवद् गीता के संदेशों को जन-जन तक पहुंचाना है।श्रद्धालुओं ने ऐसे आयोजनों को शांति, प्रेम और सद्भाव का प्रतीक बताते हुए इसकी सराहना की।
