ACB ने वीआईपी सुविधा मामले में की पूछताछ, आय से अधिक संपत्ति की जांच भी जारी; पत्नी के नाम होटल में हर दिन लाखों की एंट्री से उठा सवाल
Highlights:
- हजारीबाग जेल अधीक्षक जितेंद्र सिंह पर भ्रष्टाचार के आरोप
- रांची में पत्नी के नाम पर टुकटुक होटल, अकाउंट में रोज़ लाखों की एंट्री
- ACB ने वीआईपी सुविधा मामले में की पूछताछ
- जेल में बंद भूमि घोटाले के आरोपी विनय सिंह को मिली कथित विशेष सुविधा
- आय से अधिक संपत्ति की भी जांच जारी
- जेलर से संपर्क टूटने पर मादेव प्रिया को दिया गया अतिरिक्त प्रभार
- कुछ दिन पहले ही 12 जेल कर्मी निलंबित हुए थे
- VIP ट्रीटमेंट और iPhone 15 मिलने से जेल प्रशासन में हड़कंप
विस्तार:
हजारीबाग: झारखंड के हजारीबाग सेंट्रल जेल के अधीक्षक जितेंद्र सिंह एक बार फिर सुर्खियों में हैं। उन पर भ्रष्टाचार, आय से अधिक संपत्ति और जेल में बंद हाई-प्रोफाइल बंदियों को वीआईपी सुविधा देने के गंभीर आरोप लगे हैं। जांच एजेंसियों के अनुसार, जितेंद्र सिंह और रांची स्थित “टुकटुक होटल” के बीच सीधा रिश्ता है। बताया जा रहा है कि यह होटल उनकी पत्नी के नाम से रजिस्टर्ड है। इस होटल के खाते में हर दिन डेढ़ से दो लाख रुपये तक की एंट्री होती है, जबकि यह होटल आकार में मामूली है। होटल कंपनी में निदेशक होने के नाते उनकी पत्नी को हर महीने करीब दो लाख रुपये वेतन मिलता है। जांचकर्ताओं को शक है कि यह पैसा भ्रष्टाचार से अर्जित रकम को वैध दिखाने के लिए किया गया लेन-देन है।
ACB की पूछताछ और VIP सुविधा का मामला
जितेंद्र सिंह से एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने सोमवार को पूछताछ की। यह पूछताछ हजारीबाग जेल में बंद भूमि घोटाले के आरोपी विनय कुमार सिंह को जेल में कथित VIP ट्रीटमेंट और मोबाइल सुविधा देने के आरोपों को लेकर की गई।
ACB को जांच में कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और लेन-देन के प्रमाण मिले हैं। सूत्रों का कहना है कि जेल में बंद विनय सिंह को iPhone 15 और अन्य विलासिता सुविधाएं दी गई थीं। शुरुआत में उसे “फैक्ट्री वार्ड” में रखा गया, फिर जेल अस्पताल भेजा गया, और अब उसे “अंडा सेल” में शिफ्ट किया गया है। ACB यह जांच कर रही है कि इन सुविधाओं के पीछे किन अधिकारियों या कर्मचारियों की मिलीभगत थी।
जेलर का संपर्क टूटा, नए अधिकारी को प्रभार
पूछताछ के बाद से जितेंद्र सिंह का कारा विभाग से संपर्क टूट गया था। इसी कारण मादेव प्रिया को हजारीबाग जेल अधीक्षक का अस्थायी प्रभार दिया गया है। जेल मुख्यालय के अधिकारियों ने कहा कि जब तक जितेंद्र सिंह सामने नहीं आते, उनकी स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकेगी।
भ्रष्टाचार की शिकायत और पूर्व कार्रवाई
दो महीने पहले एक पूर्व बंदी ने ACB को ईमेल भेजकर जेल में भ्रष्टाचार, आपत्तिजनक वस्तुओं की बिक्री और अवैध वसूली के आरोप लगाए थे। इसी शिकायत के बाद यह जांच शुरू हुई। कुछ दिन पहले ही जेलर सहित 12 कर्मियों को निलंबित किया गया था।
छह अनुबंधकर्मी सुरक्षाकर्मियों की सेवाएं भी समाप्त की गईं।
अब जेल प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है। हर पैकेट की स्कैनिंग, आने-जाने वालों की कड़ी जांच और भेंट पर प्रतिबंध लागू किया गया है।
कौन हैं जितेंद्र सिंह?
जितेंद्र सिंह मूल रूप से बिहार के मधुबनी जिले के निवासी हैं।
उन पर लगे आरोपों ने झारखंड कारा विभाग में हलचल मचा दी है। कारा निरीक्षणालय के अधिकारियों ने उनके मामले पर टिप्पणी करने से इनकार किया है, लेकिन जांच एजेंसियां अब आय स्रोत और संपत्ति विवरण की गहराई से जांच कर रही हैं।