रेबीज: जानलेवा बीमारी से बचाव के आसान और सुरक्षित उपाय
जानवरों के काटने या खरोंच लगने पर तुरंत करें ये कदम, निःशुल्क टीके से बचाएं अपने परिवार को
Highlights:
रेबीज एक घातक वायरल बीमारी है, ज्यादातर कुत्तों के काटने से फैलती है।
घाव को तुरंत साबुन और पानी से धोएं, बैंडेज या टांके न लगाएं।
बचाव के लिए त्वरित टीकाकरण ज़रूरी है।
घाव की गंभीरता के आधार पर 3 कैटेगरी में टीके दिए जाते हैं।
रेबीज का संक्रमण होने पर लक्षण आते हैं: पानी से डर, लाइट और हवा से डर, सांस लेने में दिक्कत।
निःशुल्क टीके सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध और सुरक्षित हैं।
रेबीज बीमारी एक वायरल संक्रमण से होने वाली घातक बीमारी है जो मनुष्यों और जानवरों दोनों के लिए हमेशा खतरनाक होती है। यह मुख्यतः कुत्तों के काटने या खरोंचने से फैलती है, लेकिन बिल्ली, बंदर या अन्य जंगली जानवरों से भी संक्रमण हो सकता है।
संक्रमण कैसे होता है:
अगर कोई जानवर असामान्य रूप से काटता है, तो वह रेबीज संक्रमित हो सकता है। सामान्य पालतू जानवर ऐसा नहीं करते जब तक कि वे संक्रमित न हों।
जानवर काटे तो क्या करें:
घाव को साबुन और बहते पानी से अच्छी तरह धोएं।
घाव को खुला छोड़ें, टांके या बैंडेज न लगाएं।
तुरंत नज़दीकी चिकित्सक से मिलें और टीका लगवाएं।
टीकाकरण के प्रकार:
कैटेगरी 1
केवल त्वचा पर लार लगना या छूना, किसी टीके की आवश्यकता नहीं।
कैटेगरी 2
दांत या नाखून से हल्की खरोंच/रक्तस्राव।
त्वचा में 4 डोज़: दिन 0, 3, 7, 28
मांसपेशियों में 5 डोज़: दिन 0, 3, 7, 14, 28
कैटेगरी 3:
गंभीर घाव, टीके के साथ इम्यूनोग्लोबुलिन भी लगाया जाता है।
रेबीज खतरनाक क्यों है:
यदि समय पर टीका नहीं लगाया गया और संक्रमण शरीर में पहुँच गया, तो 30 दिन से 6 साल में लक्षण दिख सकते हैं।
लक्षण: पानी, लाइट, हवा से डर, सांस लेने में तकलीफ।
बचाव के उपाय:
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बच्चों पर आवारा कुत्तों का हमला ज्यादा।
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पालतू जानवरों को नियमित टीका लगवाएँ।
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कूड़ा या बचे खाने को घर के बाहर न छोड़ें।
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अज्ञात जानवर को छूने या पकड़ने की कोशिश न करें।
टीका है आसान और सुरक्षित:
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पहले से टीका लगे होने पर केवल 2 डोज़ की आवश्यकता।
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सरकारी अस्पतालों में निःशुल्क और सुरक्षित।
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त्वचा में 4 डोज़ वाले टीके मांसपेशियों में 5 डोज़ वाले से अधिक प्रभावी।