हाइलाइट्स
- जुलूस-ए-मोहम्मदी में हजारों लोग हुए शामिल, बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक नजर आए उत्साहित
- मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने जुलूस में शामिल होकर दी ईद मिलादुन्नबी की बधाई
- प्रशासन ने सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के किए पुख्ता इंतजाम
- धार्मिक नेताओं ने कहा – “यह पर्व शांति, भाईचारे और इंसानियत का संदेश देता है।”
विस्तार
गिरिडीह- शुक्रवार को पूरे गिरिडीह जिले में ईद मिलादुन्नबी का पर्व बड़े ही धार्मिक उत्साह और भाईचारे के साथ मनाया गया। शहर के विभिन्न इलाकों से हजारों की संख्या में लोग जुलूस-ए-मोहम्मदी में शामिल हुए। बच्चे, युवा और बुजुर्ग हाथों में तिरंगा, धार्मिक झंडे और बैनर लेकर निकले। पूरे जुलूस में अमन, मोहब्बत और एकता का संदेश गूंजता रहा।
जुलूस-ए-मोहम्मदी शहर की सड़कों से गुजरते हुए धार्मिक नारों और झंडों की गूंज के बीच आगे बढ़ा। जगह-जगह स्वागत द्वार और शिविर लगाए गए थे। जिला प्रशासन और पुलिस की ओर से सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रही। साथ ही पानी और स्वास्थ्य शिविर भी लगाए गए, ताकि जुलूस में शामिल श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की परेशानी न हो। झारखंड सरकार के मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू भी मौके पर मौजूद रहे।
उन्होंने लोगों को ईद मिलादुन्नबी की शुभकामनाएं देते हुए कहा –
“यह पर्व हमें आपसी भाईचारे, मोहब्बत और इंसानियत के रास्ते पर चलने की प्रेरणा देता है।”
धार्मिक नेताओं का संदेश
धार्मिक नेताओं ने इस मौके पर कहा कि ईद मिलादुन्नबी का दिन पैगंबर हज़रत मोहम्मद साहब के आदर्शों और शिक्षाओं को याद करने का अवसर है।
नौशाद अहमद चांद ने कहा –
“आज ही के दिन हज़रत मोहम्मद साहब की पैदाइश हुई थी। हमारे नबी के सदके ही हमें ईमान और कुरान नसीब हुआ है। नबी का दुनिया में आना हमारे लिए सबसे बड़ी खुशी है।”
इस मौके पर तंजीम अहले सुन्नत जनरल सेक्रेटरी इरशाद अहमद वारिस, हाफिज आसिफ इकबाल, मौलाना समीम मिस्बाही, मौलाना इस्माइल, मौलाना मीरान फातमी, मौलाना गुलाम सरवर, सरफराज चांद, टिंकू खान, केस रज़ा समेत बड़ी संख्या में शहर के उलमा और गणमान्य लोग मौजूद रहे।