Wednesday, February 5, 2025
Homeखबर स्तम्भश्री रामलाल की अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा के प्रथम वर्षगांठ का भव्य...

श्री रामलाल की अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा के प्रथम वर्षगांठ का भव्य आयोजन

गिरिडीह : हिंदू हृदय सम्राट भगवान श्री रामचंद्र जी के अयोध्या नगरी में प्राण प्रतिष्ठा की प्रथम वर्षगांठ के शुभ अवसर पर श्री कबीर ज्ञान मंदिर में भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया। मंदिर को सुसज्जित तरीके से सजाया गया। संपूर्ण वातावरण प्रभु श्रीराम के  संकीर्तन से  भक्ति में शराबोर हो गया। कीर्तन, भजन के पश्चात महाआरती का आयोजन किया गया। हाथ में दीपक की थाली लिए रामभक्त ऐसे प्रतीत हो रहे थे कि सभी अयोध्या में उपस्थित हो। तत्पश्चात प्रसाद वितरण और भव्य भंडारे का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर सतगुरु मां ज्ञान ने उपस्थित जन समुदाय को संदेश देते हुए कहा कि अयोध्या में भगवान श्री रामचंद्र जी का मंदिर बन जाने के पश्चात सभी हिंदुओं के मन का सपना पूरा हुआ है, मुझे पूर्ण विश्वास है की अयोध्या में राम मंदिर से लोगों का मंगल, आपसी प्रेम और शांति का विकास होगा। भगवान श्री राम यह संदेश देते हैं कि हम मर्यादा के सीढ़ी से महानता के उसे शिखर तक पहुंचे जहां आज तक कोई नहीं पहुंच सका है।

सतगुरु मां ने आगे  कहा कि आज चमत्कार को नमस्कार करने वाले बहुत हैं, लेकिन श्रीराम चमत्कार से मुक्त हैं, केवल अपने मानवीय गुण के  कारण आज वे जगत पूज्य हैं, आज विश्व में उनका जय जयकार होता है और अलग-अलग तरीकों से लोग राम को पूजते हैं और उन्हें अपना आदर्श मानते हैं। आज आवश्यकता है हमें राम के आदर्श को मानने की।  भगवान श्री रामचंद्र जी ने अपने जीवन से मर्यादा का संदेश दिया। हमें यह संदेश दिया कि जीवन के विपरित परिस्थितियों में भी हमें नहीं घबराकर धर्म के साथ अपने जीवन को कैसे जीना चाहिए। आज रामचंद्र जी के जीवनी में कुछ भ्रांतियां को मिश्रित किया गया है जैसे शंबूक शुद्ध वध इत्यादि। निश्चय ही यह सब क्षेपक है, जिसे षड्यंत्र के तहत हिंदुओं में आपसी फूट बढ़ाने और जाति पाती के नाम पर लडाने के लिए,मुगल काल में घुसाया गया है, जिससे हिंदू अपने ही पूर्वजों के प्रति अविश्वास करें। आज हमें इन अपवादित बातों से दूर होकर राम के आदर्शों का अपनाना चाहिए। हम सबों के लिए बहुत ही गर्व का विषय है, कि हमारा जन्म इस भारत भूमि में हुआ है और वह भी सनातन धर्म में, जहां राम जैसे पूर्वज है और अयोध्या जैसा धाम! यदि हम सामर्थवान, भौतिक उन्नति, के साथ मोक्ष चाहते हैं तो श्रीराम का जोर-जोर से प्रचार प्रसार अवश्य होना चाहिए। हर हिंदू को अपने जीवन में एक बार अवश्य अयोध्याधाम का दर्शन अवश्य करना चाहिए।

सद्गुरु मां ने आगे कहा कि हमने पहले शपथ खाया था की “शपथ राम की खाते हैं मंदिर वहीं बनाएंगे” आज मंदिर तो बन गया। आज हमें पुनः शपथ खाना है की “शपथ राम खाते हैं हृदय में तुम्हें बसाएंगे और तेरी मर्यादा अपने जीवन में हम अपनाएंगे”

RELATED ARTICLES

Most Popular