रांची: झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के केंद्रीय महासचिव और प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने वन नेशन, वन इलेक्शन के मुद्दे पर केंद्र सरकार की मंशा पर गंभीर सवाल उठाए हैं। पार्टी के कैंप कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में सुप्रियो भट्टाचार्य ने इसे केंद्र सरकार की मनुवादी और जातिवादी सोच का परिणाम बताते हुए इस फैसले के दूरगामी राजनीतिक प्रभावों पर विश्लेषणात्मक टिप्पणी की।
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि यदि वन नेशन, वन इलेक्शन कानून लागू होता है, तो यह भारतीय संविधान के कई आर्टिकल्स को समाप्त करने का प्रयास होगा। इसके साथ ही, क्षेत्रीय राजनीतिक दलों की स्वतंत्रता और शक्ति भी समाप्त हो जाएगी। उनका आरोप था कि यह कदम भारतीय लोकतंत्र की मूल संरचना को नष्ट करने का प्रयास है, जो केवल सत्ता की केंद्रित सोच को बढ़ावा देगा।
उन्होंने यह भी कहा कि वन नेशन, वन इलेक्शन की योजना के पीछे केंद्र सरकार की जातिवाद और सत्ता श्रेष्ठता की मानसिकता छिपी हुई है। भट्टाचार्य ने इसे एक ऐसी कार्रवाई बताया, जो भारत के बुनियादी सवालों से मुंह मोड़ने का एक तरीका है।
इसके अलावा, उन्होंने क्षेत्रीय दलों, जैसे लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) और जनता दल यूनाइटेड (JDU), को चेतावनी दी कि उन्हें इस बदलाव का गंभीरता से विश्लेषण करना चाहिए और अपने राजनीतिक अस्तित्व को बचाने के लिए केंद्र सरकार के इस फैसले से अलग होकर खड़ा होना चाहिए।
सुप्रियो भट्टाचार्य का यह बयान केंद्र सरकार के वन नेशन, वन इलेक्शन प्रस्ताव के खिलाफ एक गंभीर राजनीतिक टिप्पणी है, जो आगामी समय में और भी राजनीतिक बहस का कारण बन सकता है।