रांची : झारखंड हाई कोर्ट में पूर्व मंत्री रमेश सिंह मुंडा हत्याकांड मामले में आरोपित पूर्व मंत्री गोपाल कृष्ण पातर उर्फ राजा पीटर ने दाखिल याचिका को वापस ले लिया है। इसमें उन्होंने मामले के इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर (अनुसंधानकर्ता) की गवाही ट्रायल के दौरान एनआईए कोर्ट में सभी गवाहों की गवाही पूरी होने से पहले करा लिए जाने को चुनौती दी थी। साथ ही अनुसंधानकर्ता की गवाही न मानने का आग्रह किया था।
राजा पीटर की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा गया था कि मामले में एनआईए कोर्ट, रांची में ट्रायल चल रही है, जिसमें अभियोजन की ओर से गवाहों का बयान दर्ज किया जा रहा है। ट्रायल के दौरान मामले के चीफ इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर (अनुसंधानकर्ता की) गवाही सबसे अंत में होनी चाहिए थी लेकिन अन्य गवाहों की गवाही पूरी होने के पहले ही अनुसंधानकर्ता की गवाही पूरी करा ली गई है। मामले में अनुसंधानकर्ता की गवाही के बाद अब दूसरे अन्य गवाहों का क्रॉस एग्जामिनेशन ठीक से नहीं होगा। इसलिए चीफ इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर की गवाही को ना माना जाए। मामले की सुनवाई के दौरान राजा पीटर की ओर से ही इस याचिका को वापस लेने का आग्रह किया गया, जिस पर कोर्ट ने याचिका वापस लेने की अनुमति प्रदान की।
यह मामला अभी गवाही के स्टेज पर चल रहा है। नाै जुलाई, 2008 को पूर्व मंत्री रमेश सिंह मुंडा की हत्या बुंडू के स्कूल में एक कार्यक्रम के दौरान नक्सलियों ने गोली मारकर कर दी थी। मामले में पूर्व मंत्री गोपाल कृष्ण पातर उर्फ राजा पीटर और नक्सली कुंदन पाहन समेत कई आरोपित ट्रायल फेस कर रहे हैं।
